हरियाली बचाने के लिए पेड़ों से चिपकी महिलाएं- बोली वृक्ष हमारे....
बड़े पैमाने पर हरे भरे वृक्षों की बलि लिए जाने से नाराज हुए लोग अब विरोध में सड़क पर उतर आए हैं।
भोपाल। मंत्रियों के लिए बनाए जाने वाले बड़े बंगलों के निर्माण के लिए 29000 से भी ज्यादा पेड़ों की बलि लेने के लिए पहुंचे मजदूरों का विरोध करते हुए बड़ी संख्या में पब्लिक सड़क पर उतर गई। हरियाली बचाने के लिए महिलाएं काटे जाने वाले पेड़ों से चिपक गई और कहने लगी हरियाली बचाने के लिए हम उत्तराखंड की तर्ज पर चिपको आंदोलन करेंगे।
दरअसल भोपाल के शिवाजी नगर और तुलसी नगर स्थित सरकारी मकानों को तोड़कर 2378 करोड रुपए की लागत से मंत्रियों के लिए बड़े बंगले बनाए जाने की योजना तैयार की गई है। लेकिन इस दौरान 29000 से ज्यादा पेड़ इस रीडिवेलपमेंट प्लान के लिए काटे जाएंगे। बड़े पैमाने पर हरे भरे वृक्षों की बलि लिए जाने से नाराज हुए लोग अब विरोध में सड़क पर उतर आए हैं।
पांच नंबर स्टॉप पर बड़ा प्रदर्शन करते हुए वृक्ष बचाने के लिए पेड़ से चिपकने वाली महिलाओं ने कहा है कि यह पेड़ हमारे बच्चों जैसे हैं और हमारे हर सुख दुख के साक्षी है। हमें यहां रहते हुए 50 साल से ज्यादा हो गए हैं और हमारा इसे स्वाभाविक लगाव है।
उनका कहना है कि हरियाली बचाने के लिए हम उत्तराखंड की तर्ज पर भोपाल में चिपको आंदोलन करेंगे। महिलाएं धरना स्थल के पास खड़े पेड़ों के पास पहुंची और उन्हें प्यार के साथ दुलारते हुए कुछ महिलाओं ने पेड़ों को अपने गले लगा लिया।
उल्लेखनीय है कि विकास के नाम पर देशभर में बड़े पैमाने पर हरे-भरे पेड़ों का कटान किया जा रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा बनवाए जाने वाले हाईवे एवं एक्सप्रेस वे निर्माण के दौरान बड़े पैमाने पर पेड़ काटे जाने से दूर तक भी अब हरियाली के दर्शन नहीं होते हैं। उधर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण हाईवे एवं एक्सप्रेस निर्माण के दौरान सड़क के मध्य में झाड़ी नुमा पेड़ तो लगवा देता है लेकिन किनारों पर कहीं भी भरे भरे वृक्ष तैयार करने के लिए पौधा रोपण नहीं किया गया है।