जब पत्नी को 7 कटटों में मिली गुजारा भत्ते की राशि- कोर्ट में सन्नाटा
पत्नी की ओर से विरोध किए जाने पर पति तपाक से बोला कि यह वैध भारतीय मुद्रा है इसे स्वीकार करना पड़ेगा।
जयपुर। पत्नी के साथ चल रहे तलाक के मामले में जब भरण पोषण की राशि चुकाने के लिए पति अदालत में 55000 रूपये की राशि सात कट्टों में लेकर पहुंचा तो सिक्कों को देखकर कोर्ट में सन्नाटा पसर गया। पत्नी की ओर से विरोध किए जाने पर पति तपाक से बोला कि यह वैध भारतीय मुद्रा है इसे स्वीकार करना पड़ेगा। जयपुर के पारिवारिक न्यायालय प्रथम में दशरथ कुमावत का अपनी पत्नी सीमा कुमावत के साथ पारिवारिक विवाद का मामला चल रहा है। पति ने अदालत में तलाक के लिए अर्जी दायर कर रखी है। मामले की सुनवाई के दौरान परिवार अदालत ने दशरथ कुमावत को हर महीने अपनी पत्नी को भरण-पोषण के तौर पर 5000 रूपये देने के निर्देश कर रखे हैं।
अदालत के आदेशों के बावजूद पिछले 11 महीनों से दशरथ कुमावत अपनी पत्नी को भरण पोषण का पैसा नहीं दे रहा था। इसके बाद अदालत की ओर से जब पति के खिलाफ वारंट जारी किया गया तो इसके बाद भी दशरथ कुमावत द्वारा भरण-पोषण के बच्चे की राशि नहीं चुकाई गई। इसके बाद जब दशरथ कुमावत के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ तो हरमाड़ा थाना पुलिस ने पति को गिरफ्तार करते हुए अदालत के सम्मुख पेश किया तो राशि चुकाने पर अदालत ने पति को जमानत पर रिहा कर दिया।
जब पति को अदालत में पेश किया गया तो उसी दिन उसके परिजन साथ कट्टों में एक एवं 2 रूपये के सिक्के लेकर अदालत में पहुंचे। तकरीबन 280 किलोग्राम वजन के इन सिक्कों को देखकर अदालत समेत वहां पर मौजूद सभी लोग आश्चर्यचकित रह गए। सीमा कुमावत के अधिवक्ता राम प्रकाश कुमावत ने जब कहा कि यह मानवता नहीं है, अब पत्नी को प्रताड़ित करने के लिए आरोपी पति 55000 रूपये के सिक्के लेकर आ गया है इन्हें गिनने में तो तकरीबन 10 दिन लग जाएंगे। इस पर कोर्ट ने दशरथ कुमावत को निर्देश दिए हैं कि वह अदालत में ही सिक्कों की गिनती करवाकर एक-एक हजार की थैलियां बनवाएं।