जब महिला दरोगा बनी सहारा तो बुजुर्ग अम्मा ने दिया खूब आशीष
पुलिसकर्मियों के भीतर भी एक ऐसा दिल होता है जो किसी की परेशानी को देख कर पसीज उठता है।
रुद्रप्रयाग। आमतौर पर पुलिस अपनी सख्ताई के लिए जानी जाती है। लेकिन पुलिसकर्मियों के भीतर भी एक ऐसा दिल होता है जो किसी की परेशानी को देख कर पसीज उठता है। ऐसे में जब पुलिस लोगों का सहारा बनती है तो उसकी उजली हुई छवि सभी को दिखाई देती है और उसकी चर्चा दूर दूर तक होती है। बाजार में दवाइयां लेने के लिए आई वृद्ध महिला जब बुरी तरह से थक गई तो ड्यूटी पर तैनात महिला दरोगा ने उनका सहारा बनते हुए उनकी मदद की और अपनी स्कूटी पर वृद्धा को उनके घर तक छोड़कर आई।
दरअसल रुद्रप्रयाग थाना क्षेत्र के जवाडी गांव की एक बुजुर्ग महिला पैसे और सवारी के अभाव में गांव से पैदल ही चलकर रुद्रप्रयाग के बाजार में किसी चिकित्सक के पास दवाइयां लेने के लिए आई थी। महिला का इस समय स्वास्थ्य खराब चल रहा है जिसके चलते उन्हें चलने फिरने में काफी परेशानी हो रही थी। पैदल ही घर से चलकर बाजार में आई वृद्ध महिला बुरी तरह से थककर चूर हो गई। उनकी पैदल ही चलकर घर जाने की हिम्मत नहीं हुई।
इसी बीच एक ही स्थान पर बैठी महिला को देखकर बाजार में ड्यूटी पर तैनात उप निरीक्षक सोनल रावत बुजुर्ग अम्मा के पास पहुंची और उनसे बातचीत कर उनकी परेशानियों को जाना। वृद्ध महिला ने महिला दरोगा को विस्तार से अपनी परेशानियां बताई। ऐसे में महिला दरोगा ने वृद्ध महिला की तरफ मदद का हाथ बढ़ाते हुए बाजार में उन्हें दवाइयां आदि दिलवाई और अपनी स्कूटी पर बैठाकर वृद्ध महिला को सकुशल गांव जवाडी में उनके घर तक छोड़कर आई। महिला दरोगा द्वारा की गई इस मदद के बदले वृद्ध महिला के पास और तो कुछ देने के लिये नहीं था। लेकिन उन्होंने दिल के भीतर से महिला दरोगा को इतना ढेर सारा आशीष दिया कि महिला दरोगा खुशी से फूली नहीं समाई।