गेंहू खरीद के नियम- किसानों को परेशान करने का नया हथियार

केन्द्र सरकार अनाज खरीद की ताकत को हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर पंजाब के मेहनतकश किसानों को सबक सिखाना चाहती है

Update: 2021-03-24 11:38 GMT

चंडीगढ़। केन्द्र सरकार अनाज खरीद की ताकत को हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर पंजाब के मेहनतकश किसानों को सबक सिखाना चाहती है और अमरिंदर सरकार की छवि को खराब करना चाहती है।

कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने बुधवार को यहां जारी बयान में लोगों को आगाह किया कि मोदी सरकार गेहूं की खरीद के लिए नए मापदंड तय करने, फसल बेचने के लिए जमीन की फर्द लाजमी करने, फसल की सीधी अदायगी की जिद करने व आरडीएफ के बहाने सीसीएल समय पर जारी न कर सरकार के लिये मुसीबत खड़ी करना चाहती है।

उन्होंने कहा कि भाजपा अपने सियासी हित साधने के लिए पंजाब तथा लोगों की आर्थिकता को पूरी तरह तबाह करने पर तुली हुई है। गेहूं की खरीद प्रक्रिया में रोड़े अटका कर केंद्र सरकार पंजाब के मंडी सिस्टम को नकारा करने व कैप्टन सरकार को बदनाम करने की नीति बना रही है। यदि केंद्र सरकार की इन नीतियों के कारण मंडियों में किसान परेशान होंगे तो इससे प्रदेश सरकार की बदनामी होगी और भाजपा सरकार यही चाहती है।


प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने इस बारे में उड़ीसा का उदाहरण देते हुए बताया कि इस समय वहां धान की खरीद प्रक्रिया चल रही है। वहां केंद्र सरकार द्वारा किसानों की उपज का 50 फीसदी से भी कम सरकारी खरीद करने की शर्त के कारण किसानों की पूरी फसल नहीं बिक रही है। इस तरह उड़ीसा के किसान केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा लगाई गई शर्तों के कारण परेशान हैं व इसमें प्रदेश सरकार का कोई दोष नहीं है पर स्थानीय स्तर पर वहां भाजपा प्रदेश सरकार के खिलाफ इस मुद्दे को लेकर रोष प्रदर्शन कर रही है।

सुनील जाखड़ ने कहा कि वह पंजाब व पंजाबियों की आर्थिकता पर आने वाले बड़े खतरे से प्रदेश के लोगों को अवगत करवाना चाहते हैं। क्योंकि गेहूं के बाद आने वाले धान के सीजन के दौरान तो केंद्र सरकार की धक्केशाही चरम पर पहुंच जाएगी, क्योंकि इसके तुरंत बाद पंजाब में विधानसभा के चुनाव होने हैं।

उन्होंने कहा कि इसलिए अब सभी को भाजपा की इन पंजाब विरोधी चालों को समझना चाहिए और केंद्र सरकार की जनविरोधी नीति के खिलाफ सांझा संघर्ष तेज करना चाहिए।




 



 



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