यह कैसा उपचार- गर्भवती के पेट में छोड़ दिया तौलिया- इलाज में बिका खेत

उपचार के नाम पर क्या-क्या हो रहा है, इसका जीता जागता उदाहरण देवरिया में देखने को मिला।

Update: 2021-03-05 08:32 GMT

देवरिया। उपचार के नाम पर क्या-क्या हो रहा है, इसका जीता जागता उदाहरण देवरिया में देखने को मिला। महिला चिकित्सक ने गर्भवती के ऑपरेशन के दौरान उसके पेट में तौलिया छोड़ दिया और टांके लगा दिये। बाद में जब दूसरे डाॅक्टर को दिखाया गया, तो उसने फिर से ऑपरेशन करके तौलिये को निकाला, जिससे कि महिला की जान बच सकी, लेकिन उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।

जानकारी के अनुसार महुआडीह थाना क्षेत्र के हेतिमपुर गोसाई टाला निवासी हरिहर गिरी की पत्नी रेखा की विगत वर्ष अगस्त माह में डिलीवरी होनी थी। इसके चलते रेखा को गौरी बाजार चौराहे पर स्थित दिनेशा हाॅस्पिटल में भर्ती कराया गया था। डाॅ. संगीता सिंह ने रेखा का ऑपरेशन किया। रेखा ने बताया कि ऑपरेशन के बाद उसे पेट में दर्द और अधिक बढ़ गया तथा उल्टियां होनी शुरू हो गई। आरोप है कि डाॅ. संगीता ने इस कोई ध्यान नहीं दिया और एनीमिया और गैस की बीमारी बताकर उसका उपचार करती रही। नवम्बर माह में डाॅ. संगीता सिंह ने उसे हर्निया की बीमारी बताई और कहा कि वह कहीं और दिखाए। 8 नवम्बर को रेखा गोरखपुर मैडिकल काॅलेज पहुंची और 28 नवम्बर तक वहां उपचार कराया, लेकिन सुधार नहीं हुआ। 29 नवम्बर को हालत बिगड़ने पर रेखा को गोरखपुर के प्राईवेट अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसका उपचार चलता रहा।

2 फरवरी को जब डाॅक्टर ने फिर से रेखा का ऑपरेशन किया, तो उसके पेट में तौलिया देखकर चिकित्सक दंग रह गये। तौलिये के कारण संक्रमण काफी बढ़ चुका था और कई अंग संक्रमित हो चुके थे, जिसके कारण उन्हें भी काटकर निकालना पड़ा। महिला का ऑपरेशन तो कर दिया गया है, लेकिन काफी संक्रमण है, जिसके कारण उसकी हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। रेखा ने बताया कि डाॅक्टर की लापरवाही के कारण जितने उपचार हुए, उसमें उनका खेत भी बिक चुका है। इस मामले में जब रेखा का पति शिकायत लेकर हाॅस्पिटल पहुंचा, तो आरोप है कि डाॅक्टरों ने उसे धमकी दी कि चुप रहना। पीड़िता के परिजनों ने मामले की शिकायत डीएम से की है। जिलाधिकारी ने मामले की जांच के लिए कमैटी का गठन किया है।

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