चुनाव में फर्जीवाड़ा रोकने को वोटर ID को जोड़ा जाएगा इसके साथ..

निष्पक्ष रुप से चुनाव कराने के लिए केंद्र सरकार अब नए चुनाव सुधार करने जा रही है

Update: 2021-12-16 13:42 GMT

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियों में जुटे चुनाव आयोग के साथ-साथ केंद्र सरकार भी फर्जीवाड़ा रोकने के उपाय तलाशने में जुट गई है। निष्पक्ष रुप से चुनाव कराने के लिए केंद्र सरकार अब नए चुनाव सुधार करने जा रही है। निर्वाचन आयोग की सिफारिश पर चुनाव कानून में 4 संशोधन करते हुए वोटर कार्ड को अब आधार कार्ड के साथ जोड़ा जाएगा। केंद्र सरकार की ओर से नए चुनाव सुधार के तहत वोटर लिस्ट में सुधार, वोटिंग प्रक्रिया को और अधिक समावेशी बनाने और चुनाव आयोग को और अधिक अधिकार देने जैसे कदम उठाए जाएंगे। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि मतदाता परिचय पत्र को आधार कार्ड के साथ जोड़ा जाएगा। इसका उद्देश्य डुप्लीकेट वोटर आईडी से होने वाले फ्रॅाड़ को रोकना है। उल्लेखनीय तथ्य यह है कि वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड के साथ जोड़ने का फैसला स्वैच्छिक होगा। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के निजता के अधिकार के फैसले का भी ध्यान रखा जाएगा। दरअसल चुनाव आयोग के मुताबिक इन चुनाव सुधारों को लेकर उसके पायलट प्रोजेक्ट के बहुत पॉजिटिव परिणाम आए हैं। आयोग का दावा है कि यह सफल रहा है, ऐसे में अगर आधार कार्ड को वोटर आईडी से जोड़ा जाता है तो डुप्लीकेट वोटर आईडी की समस्या समाप्त हो जाएगी। नए चुनाव सुधार के तहत वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए साल में 4 बार मौका दिया जाएगा। अभी वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने की कट ऑफ तारीख 1 जनवरी है। इस दिन तक 18 साल की उम्र के युवक अपना नाम जुड़वा सकते हैं।



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