चाचा ने दिया भतीजे को झटका-चिराग के घर में अंधेरा-पार्टी में टूट
5 सांसदों ने पार्टी मुखिया चिराग पासवान का साथ छोड़ते हुए उनके चाचा और पार्टी के वरिष्ठ नेता पशुपति कुमार पारस को संसदीय दल का नेता चुन लिया है।
नई दिल्ली। दलित नेता रामविलास पासवान द्वारा खड़ी की गई लोक जनशक्ति पार्टी में बड़ी टूट हो गई है। सोमवार को बागी हुए 5 सांसदों ने पार्टी मुखिया चिराग पासवान का साथ छोड़ते हुए उनके चाचा और पार्टी के वरिष्ठ नेता पशुपति कुमार पारस को संसदीय दल का नेता चुन लिया है।
सोमवार को बिहार की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर करते हुए लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया चिराग पासवान को छोड़कर अन्य सभी पांच सांसद पार्टी से बगावत करते हुए अलग हो गए है। पांचों सांसदों ने लोजपा मुखिया चिराग पासवान के चाचा और पार्टी के वरिष्ठ नेता पशुपति कुमार पारस को संसदीय दल का नेता चुन लिया है। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र भेजकर पार्टी पर अपना दावा भी ठोंक दिया है। लोक जनशक्ति पार्टी में मचे इस घमासान के बाद पहली बार मीडिया से रूबरू हुए नए संसदीय दल के नेता चुने गए पशुपति कुमार पारस ने इसे मजबूरी में लिया गया फैसला बताया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका पार्टी के किसी भी दल में विलय करने का इरादा नहीं है। लोजपा के 99 प्रतिशत सांसद, विधायक और कार्यकर्ता यही चाहते हैं कि गरीबों, मजदूरों और समाज के वंचित तबकों के हितों की रक्षा के लिए वह एनडीए के साथ बने रहें। लेकिन सबकी भावनाओं को दरकिनार करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने गठबंधन के बजाय अलग होकर चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया। उन्होंने कहा कि मेरा चिराग पासवान के साथ कोई गिला शिकवा नहीं है। अगर वह चाहे तो पार्टी में बने हुए रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि चिराग पासवान अभी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।