तमिलनाडु में उदयनिधि का दावा

उदयनिधि पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मानना है कि द्रमुक अपनी सीटें तो बरकरार रखेगी ही

Update: 2021-03-24 05:34 GMT

नई दिल्ली। उदयनिधि तमिलनाडु में राजनीति के सिरमौर रहे एम। करुणानिधि के पौत्र हैं। उनके पिता एम। स्टालिन ही द्रविण मुन्नेत्र कड़गम (द्रमुक) पार्टी की कमान संभाले हुए हैं। उन्हें ही मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार माना जा रहा है। द्रमुक ने कांग्रेस के साथ चुनावी गठबंधन कर रखा है। राज्य में विधानसभा की 234 सीटें हैं। उदयनिधि ने दावा किया है कि उनकी पार्टी को इस बार 200 विधायक मिलेंगे। उदयनिधि पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मानना है कि द्रमुक अपनी सीटें तो बरकरार रखेगी ही, साथ ही अन्नाद्रमुक की सीटों पर भी कब्जा करेगी। उदयनिधि जिस चेपाॅक सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, उस पर उनके दादा एम। करुणानिधि का कब्जा रहा है। यहां पर एक ही चरण में 6 अप्रैल को मतदान होना है। अन्नाद्रमुक ने भी उदयनिधि की सीट पर पूरा जोर लगा रखा है। द्रमुक का आरोप है कि सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक के लोग चेपाॅक में मतदाताओं को लुभाने के लिए नोट बांट रहे हैं। चुनाव में शराबबंदी को मुद्दा बनाया जा रहा है।

तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव से पहले एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने दावा किया है कि उनकी पार्टी को इस बार 200 से ज्यादा सीटों पर जीत मिलेगी। साथ ही उन्होंने कहा है कि वो निश्चित तौर पर चुनावी प्रचार के दौरान जयललिता की मौत का मुद्दा भी उठाएंगे। तमिलनाडु में 234 सीटों के लिए एक चरण में छह अप्रैल को चुनाव होना है। राज्य में 234 सीटों पर कुल 6,357 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है। बता दें कि चुनाव अभियानों में पूर्व सीएम जयललिता की मौत के संदर्भ से बचने के लिए अन्नाद्रमुक ने चुनाव आयोग से द्रमुक को निर्देश देने की मांग की थी। पार्टी ने कहा था कि उन्हें नाम लेने से रोका जाय। मुख्य चुनाव अधिकारी की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में 234 सीटों पर कुल 6,357 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया। इनमें 5,398 पुरुष, 956 महिला और तीन ट्रांसजेंडर उम्मीदवार हैं।

तिरुवरूर में डीएमके चीफ एमके स्टालिन ने मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि सीएम पलानीस्वामी लोगों से झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जयललिता की मौत के लिए करुणानिधि और एमके स्टालिन जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा, अगर आप (सीएम) दावा करते हैं कि हम उनकी मौत के पीछे का कारण हैं, तो मेरे खिलाफ मामला दर्ज करें और मैं कानूनी रूप से इसका सामना करूंगा। बता दें कि चेपॉक की इस सीट पर जोरदार टक्कर होने वाली है। डीएमके के पार्टी प्रमुख एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि चेपॉक सीट से चुनाव में डेब्यू करेंगे। यहां उनका मुकाबला पीएमके के उम्मीदवार से होगा। ये स्टालिन के परिवार की पुश्तैनी सीट है। उदयनिधि के दादा करुणानिधि को पहले कई बार यहां से जीत मिली है।


तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव से पहले हैरान कर देने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। यहां के चेपॉक विधानसभा क्षेत्र में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के नेता खुलेआम वोट के लिए नोट बांटते दिखे। पैसे बांटने का ये वीडियो वायरल हो गया है, जिसे लेकर बताया जा रहा है कि 500 के नोट बांटे जा रहे थे। वीडियो सामने आने के बाद द्रमुक ने नाराजगी जताई है।

दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो एआईडीएमके के किसी स्थानीय नेता ने रिकॉर्ड किया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि लोगों का पहचान पत्र देखने के बाद उन्हें 500 रुपये के नोट दिए जा रहे है। घटना की शिकायत के बाद चुनाव आयोग वीडियो की जांच कर सकता है। बता दें कि वोट के बदले नोट बांटने की घटना पहले भी कई चुनाव में सामने आ चुकी है। पिछले दिनों तमिलनाडु में कई प्रतिष्ठानों में छापेमारी के बाद आयकर विभाग ने 'बिना लेखा-जोखा' वाली 16 करोड़ से ज्यादा की नकदी जब्त की थी। इसके अलावा करीब 80 करोड़ रुपये की काली कमाई का भी पता लगाया। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने ये तलाशी 16 और 17 मार्च को चेन्नई, तिरुपुर, धारापुरम में ली।

राज्य के कुछ खास विधानसभा क्षेत्र हैं। चिदंबरम तमिलनाडु का एक ऐसा ही विधानसभा क्षेत्र है। विधानसभा चुनाव 2016 में यह निर्वाचन क्षेत्र ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम द्वारा जीता गया था। तमिलनाडु राज्य के कुड्डालोर जिले के अंतर्गत चिदंबरम निर्वाचन क्षेत्र आता है। 2016 के तमिलनाडु विधानसभा चुनावों में चिदंबरम विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं का कुल प्रतिशत 31.92 दर्ज किया गया था। विधानसभा चुनाव 2021 में यहां वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा जागरुकता अभियान चलाया गया। मतदाताओं को जागरूक करने के लिए बैनर पोस्ट का इस्तेमाल भी किया गया है।

विधानसभा चुनाव 2016 में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के पांडियन केए ने द्रविड़ मुनेत्र कड़गम से सेंथिलकुमार के आर को 1506 मतों के अंतर से हराकर सीट जीती। चिदंबरम विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र चिदंबरम लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है और 2019 के लोकसभा चुनाव में विदुथलाई चिरुथिगाल काची के उम्मीदवार थिरुमावलवन थोल ने ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के चंद्रशेखर पी को हराकर चिदंबरम लोकसभा (एमपी) सीट से 3219 मतों से जीत हासिल की। इस चुनाव में भी प्रचार प्रसार का दौर शुरू हो गया है। सिरकाजी भी एक चर्चित विधानसभा क्षेत्र है। विधानसभा चुनाव 2016 में यह निर्वाचन क्षेत्र ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम द्वारा जीता गया था। तमिलनाडु राज्य के कुड्डलोर जिले के अंतर्गत सिरकाजी निर्वाचन क्षेत्र आता है। 2016 के तमिलनाडु विधानसभा चुनावों में सिरकाजी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं का कुल प्रतिशत 43.38 प्रतिशत दर्ज किया गया था। विधानसभा चुनाव 2021 में यहां वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा जागरुकता अभियान चलाया गया है। मतदाताओं को जागरूक करने के लिए बैनर पोस्ट का इस्तेमाल भी किया गया है।


विधानसभा चुनाव 2016 में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम के भारती पीवी ने द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के के रविन्द्रन को 9003 वोटों के अंतर से हराकर सीट जीत ली। इस चुनाव में भी प्रचार प्रसार का दौर शुरू हो गया है। भुवनगिरि तमिलनाडु का एक विधानसभा क्षेत्र है। विधानसभा चुनाव 2016 में यह निर्वाचन क्षेत्र द्रविड़ मुनेत्र कड़गम द्वारा जीता गया था। तमिलनाडु राज्य के कुड्डालोर जिले के अंतर्गत भुवनगिरि निर्वाचन क्षेत्र आता है। 2016 के तमिलनाडु विधानसभा चुनावों में भुवनगिरि विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं का कुल प्रतिशत 31.92 दर्ज किया गया था। विधानसभा चुनाव 2021 में यहां वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा जागरुकता अभियान चलाया गया है।

तमिलनाडु में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में शराब बंदी का वादा फिर से सामने आ रहा है। सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक, विपक्षी द्रमुक और कांग्रेस समेत राजनीतिक पार्टियों ने छह अप्रैल को होने वाले चुनावों के लिए पूर्ण शराब बंदी के लिए आधार बनाया है। राज्य में 1937 से 1971 तक पूर्ण शराबबंदी लागू थी जब एम करुणानिधि के नेतृत्व वाली तत्कालीन द्रमुक सरकार ने इसे हटा लिया था। अन्नाद्रमुक और द्रमुक दोनों ने अपने चुनावी घोषणा पत्रों में चरणबद्ध तरीके से फिर से शराब बंदी करने का आश्वासन दिया है। अन्नाद्रमुक की एक सहयोगी पीएमके और द्रमुक के नेतृत्व वाले फ्रंट में एक साझेदार एमडीएमके ने शराब मुक्त तमिलनाडु सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है। हालांकि द्रमुक ने नशामुक्ति केंद्रों का भी वादा किया है, लेकिन उसके सहयोगी कांग्रेस ने अपने अलग-अलग घोषणा पत्रों में शराबबंदी के कार्यान्वयन के लिए एक विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की है। तमिलनाडु में पूर्व में जनता द्रमुक और अन्नाद्रमुक को बारी-बारी से सत्ता सौंपती रही है। जयललिता ने हालांकि इस मिथक को भी तोड़ा था। (हिफी)




 



 


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