लिखे ना पढ़े दूध मारे कढे- बिना कागजों के चल रहे तीन हॉस्पिटल सील
झोलाछाप डॉक्टरों एवं बगैर कागजातों के संचालित और अस्पताल संचालकों में हड़कंप मच गया है।
खतौली। जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी के निर्देश पर बिना पढ़ाई लिखाई किये और बगैर कागजातों के बड़े-बड़े नर्सिंग होम एवं अस्पतालों के साथ क्लीनिक चला रहे गठित डॉक्टर के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग की ओर से शहर के तीन नर्सिंग होम सील कर दिए गए हैं। जिससे झोलाछाप डॉक्टरों एवं बगैर कागजातों के संचालित और अस्पताल संचालकों में हड़कंप मच गया है।
बृहस्पतिवार को जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी के आदेशों के अनुपालन एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर महावीर सिंह फौजदार की ओर से जारी किए गए दिशा निर्देशों के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग की ओर से की गई बड़ी कार्यवाही के अंतर्गत शहर की शराफत कॉलोनी स्थित जोया क्लिनिक, इसी मोहल्ले में स्थित आफताब क्लिनिक और गली इस्लामाबाद भूड खतौली में संचालित अजहान क्लिनिक को सील कर दिया गया है।
सील किए गए तीनों अस्पतालों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग को शिकायती पत्र प्राप्त हुए थे, मौके पर छापा मार कार्यवाही करने के लिए पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जांच पड़ताल के दौरान तीनों ही अस्पतालों के प्रबंधन पर चिकित्सा अभ्यास कर रहे लोगों के पास वैध पंजीकरण और शैक्षिक प्रमाण पत्र नहीं मिले थे। इस दौरान कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दिए जाने के बाद नियमानुसार नोटिस पर कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से की गई इस कार्यवाही के बाद अब बिना कागजातों के डॉक्टर बने झोलाछाप में हड़कंप मचा हुआ है।
उल्लेखनीय है कि शहर खतौली समेत भूड इलाके की गली गीतापुरी, इस्लामाबाद और राजबाहा पटरी तथा फलावदा रोड इलाके में बड़े पैमाने पर अवैध रूप से प्रैक्टिस करते हुए झोलाछाप डॉक्टर नोटों से झोला भर रहे हैं। कई झोलाछाप डॉक्टर ऐसे भी हैं जिनकी पत्नी अथवा कोई अन्य परिचित स्वास्थ्य विभाग में नौकरी कर रहा है और उनके दम पर वह खुलकर डॉक्टर का पेशा कर रहे हैं। कई झोलाछाप अपनी पत्नी को स्वास्थ्य विभाग से मरीज को देने के लिए दी जाने वाली दवाइयां का खुद इस्तेमाल करते हुए उसके पैसे बना रहे हैं।