दूल्हा बने बछड़े और दुल्हन बनी बछिया की बारात में नाचा पूरा गांव

दूल्हा बने बछड़े और दुल्हन बनी बछिया की शादी में पूरे गांव ने बाराती बनकर जमकर डांस किया।

Update: 2022-12-15 11:21 GMT

नई दिल्ली। इंसान खुशी हासिल करने का मौका आखिरकार तलाश कर ही लेता है। दो परिवारों ने अपने बछड़े और बछिया की शादी के लिए धूमधाम के साथ आयोजन किया। बाकायदा दावत के कार्ड देकर लोगों को आमंत्रित किया गया। दूल्हा बने बछड़े और दुल्हन बनी बछिया की शादी में पूरे गांव ने बाराती बनकर जमकर डांस किया। बाद में बछिया के मालिक ने उसे अपनी बेटी मान कर ससुराल के लिए विदा किया।

दरअसल मध्य प्रदेश के खरगोन के प्रेम नगर गांव में रहने वाली ज्योति अपने पति की मौत के बाद अकेली रह गई थी। छोटी बेटी की शादी हो जाने के बाद ज्योति ने एक बछड़ा पाल रखा था। नारायण नाम के इस बछड़े को ज्योति ने बेटे की तरह पाल पोसकर बड़ा किया।

बेटा नहीं होने की वजह से ज्योति ने गाय के बछड़े को ही बेटा मान कर उसकी देखभाल की। बड़ा होने पर ज्योति को अपने बछड़े रूपी बेटी की शादी का ख्याल आया। उन्होंने आसपास उसके लिए एक बछिया की तलाश शुरू कर दी। मुकेश की बछिया लक्ष्मी के बारे में जब ज्योति को पता चला तो उसने उसके साथ अपने बछड़े के रिश्ते की बात चलाई। दोनों ही परिवार बछड़े और बछिया की शादी करने को तैयार हो गए। पंडित के पास पहुंचकर शादी का मुहूर्त निकलवाया गया। शादी के लिए बाकायदा सामान्य विवाह की तरह निमंत्रण पत्र भी छपवाये गए और उन्हें वितरित किया गया। निर्धारित तिथि पर बारात लेकर पहुंची ज्योति ने समधी मुकेश और उनके परिवारों ने पूरे हर्षाेल्लास के साथ बछिया और बछड़े के विभाग को संपन्न कराया। पूरे रीति रिवाज के अनुसार दोनों पक्षों के रिश्तेदारों और ग्रामीणों ने इस शादी में हिस्सा लिया। बछड़े और बछिया की शादी में दोनों पक्षों के तकरीबन 400000 रूपये भी खर्च हुए। बाराती बने गांव वाले बछड़े और बछिया की शादी में जमकर नाचे और दावत का लुफ्त उठाया। शादी के सभी संस्कार पूरे होने के बाद मुकेश ने अपनी बेटी रूपी लक्ष्मी बछिया को ससुराल के लिए विदा किया।

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