शायर का अटपटा बयान- मेरा बाप मुस्लिम था लेकिन मां की गारंटी नहीं
वह इस बात की गारंटी लेते हैं कि उनके पिता मुसलमान थे, लेकिन इस बात की गारंटी नहीं लेते कि उनकी मां भी मुसलमान ही थी।
नई दिल्ली। विवादित शायर के तौर पर अपनी पहचान बना चुके मुनव्वर राणा ने अजीबोगरीब बयान देते हुए कहा है कि वह इस बात की गारंटी लेते हैं कि उनके पिता मुसलमान थे, लेकिन इस बात की गारंटी नहीं लेते कि उनकी मां भी मुसलमान ही थी।
बुधवार को भारतीय जनता पार्टी द्वारा पसमांदा मुस्लिमों को जोड़ने के लिए आयोजित किए गए सम्मेलन को लेकर जीवनभर मां के ऊपर कविताएं लिखने वाले मशहूर शायर मुनव्वर राणा ने अजीबोगरीब बयान दे दिया है।
उन्होंने अपनी मां का जिक्र करते हुए कहा है कि वह इस बात की पूरी गारंटी लेते हैं कि उनके पिता मुसलमान थे, लेकिन इस बात की गारंटी नहीं लेते कि उनकी मां भी मुसलमान ही थी। एक निजी चैनल से बातचीत करने के दौरान शायर मुनव्वर राणा ने यह बयान उस समय दिया जब बीजेपी के पसमांदा सम्मेलन के बारे में उनसे पूछा गया।
शायर मुनव्वर राणा ने कहा है कि पसमांदा का मतलब समाज में पिछड़े हुए लोग होते हैं। इस्लाम में पसमांदा का कोई अर्थ नहीं था। अरब में भी कोई जाति के बारे में नहीं जानता था, लेकिन जब हिंदुस्तान आए तो इस रंग में रंग गये।