अपनी ही सरकार में नहीं सुनी जा रही बात- ट्रेन रुकवाने को देना पड़...
नरेंद्र मोदी विचार मंच से जुड़े लोगों को धरना देने के साथ-साथ अनशन करना पड़ रहा है।
नौरोजाबाद। मध्य प्रदेश में डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद सत्ता पक्ष से जुड़े लोगों की आवाज नहीं सुनी जा रही है। जिसके चलते ट्रेनों के स्टॉपेज समेत कई अन्य मांगों को लेकर नरेंद्र मोदी विचार मंच से जुड़े लोगों को धरना देने के साथ-साथ अनशन करना पड़ रहा है।
दरअसल नरेंद्र मोदी विचार मंच के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव सूरज ब्रह्म एवं राष्ट्रीय सचिव लक्ष्मण प्रसाद तिवारी के नेतृत्व में नौरोजाबाद रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों के स्टॉपेज के अलावा कई अन्य सुविधाओं को लेकर धरना प्रदर्शन शुरू किया गया है। लगभग एक सप्ताह से चल रहे आमरण अनशन को लेकर अभी तक रेलवे अथवा स्थानीय प्रशासन में कोई हरकत नहीं दिखाई दी है।
यह आमरण अनशन नौरोजाबाद रेलवे स्टेशन पर कई ट्रेनों के स्टॉपेज एवं रेलवे संबंधी कई सुविधाओं की मांग को लेकर दो महीने पहले सौंप गए ज्ञापन पर कार्यवाही नहीं किए जाने के उपरांत आरंभ किया गया है। जिस बैनर के तले यह धरना प्रदर्शन हो रहा है उसके नाम से स्पष्ट है कि आन्दोलन करने वाले लोग सत्ता पक्ष के ही हैं। परंतु जन सुविधा पाने के लिए उन्हें अपनी ही सरकार में विपक्ष की भूमिका निभानी पड़ रही है।
जबकि जनहित से जुड़ी इस तरह की मांग को उठाने और पब्लिक की सुविधा को लेकर आन्दोलन करने में विपक्ष ने खुद को नदारद कर लिया है। नरेंद्र मोदी विचार मंच द्वारा लंबे समय से उन ट्रेनों के नौरोजाबाद रेलवे स्टेशन में ठहराव की मांग की जा रही है जिन्हें कारोना काल के बाद बंद कर दिया गया था। दरअसल जब कोरोना काल के बाद दोबारा से ट्रेनों का संचालन शुरू शुरू हुआ तो नौरोजाबद रेलवे स्टेशन में सभी ट्रेनों का स्टापेज समाप्त हो चुका था। हालांकि समय के साथ कई ट्रेनों का स्टापेज दिया भी गया और पिछले दिनों नरेंद्र मोदी विचार मंच द्वारा ज्ञापन सौंपे जाने के बाद उत्कल एक्सप्रेस और चिरमिरी रीवा एक्सप्रेस का ठहराव दे भी दिया गया है।
नरेन्द्र मोदी विचार मंच के सदस्यों का कहना है कि नौरोजाबाद रेलवे स्टेशन कटनी और बिलासपुर के बीच एक मात्र स्टेशन है जहाँ से सबसे ज्यादा राजस्व सरकार को जाता है। इसके बाबजूद हमेशा ही सरकार के द्वारा नौरोजाबाद रेलवे स्टेशन के साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है। नौरोजाबाद रेलवे स्टेशन मे कोरोना काल के पूर्व जिन ट्रैनो का ठहराव होता था, उन ट्रेनों का ठहराव सरकार द्वारा कोरोना काल में बंद कर दिया गया। कई ट्रेनों का ठहराव आज तक नौरोजाबाद रेलवे स्टेशन में नहीं किया गया है जिस कारण नौरोजाबाद और आसपास के क्षेत्र के लोग अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि सभी ट्रेनों का स्टापेज यहां किया जाए। साथ ही नौरोजाबाद रेलवे स्टेशन का नाम मां ज्वालाध्यम रेलवे स्टेशन किया जाए।
रिपोर्ट- चंदन श्रीवास मध्य प्रदेश