प्रभारी मंत्री के निरीक्षण से खुली रेन बसेरों एवं अलाव की पोल
स्वच्छ सर्वेक्षण में खराब रैंकिंग के बारे में पूछे जाने पर अफसर बगले झांकते हुए नजर आए।
मेरठ। रेन बसेरों के अलावा अन्य स्थानों पर रहने वाले लोगों को सर्दी से बचाव के लिए सरकार की ओर से जलवाये जाने वाले अलाव की प्रभारी मंत्री के निरीक्षण में पोल खुल गई है। अधिकारियों के दावे एवं वादों की हकीकत प्रभारी मंत्री के सामने मौके पर लकड़ियां नहीं पहुंचने के रूप में सामने आई है।
उत्तर प्रदेश सरकार के पशुधन एवं दुग्ध विकास, राजनीतिक पेंशन, अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ, हज एवं नागरिक, सुरक्षा विभाग तथा जनपद के प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह ने शहर के रैन बसेरों का निरीक्षण करते हुए वहां मिल रही सुविधाओं की हकीकत देखी।
सबसे पहले प्रभारी मंत्री बच्चा पार्क, शोहराब गेट डिपो, मेडिकल कॉलेज, शेरगढ़ी एवं तिरंगा गेट स्थित रैन बसेरे का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे। सोहराब गेट पर अलाव की लड़कियां कम मिलने पर प्रभारी मंत्री ने गहरी नाराजगी जताई। मंत्री के निरीक्षण में अधिकारियों की आंखों में उंगली देने वाली बात भी उजागर हुई। प्रभारी मंत्री को पता चला कि उनके निरीक्षण के लिए पहुंचने से कुछ देर पहले ही यह अलाव जलाए गए हैं। शेरगढ़ी एवं तिरंगा गेट पर बनाए गए रैन बसेरे में कोई आदमी ठहरा नहीं मिला।
बाद में प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह ने अफसरों के साथ सर्किट हाउस में समीक्षा बैठक करते हुए पूछा कि स्वच्छ सर्वेक्षण में मेरठ की खराब स्थिति रही है, जिस कारण उन्हें रैंकिंग में पीछे रहना पड़ा है। जो टेंडर हुए हैं उनके काम अभी तक क्यों नहीं हुए हैं। स्वच्छ सर्वेक्षण में खराब रैंकिंग के बारे में पूछे जाने पर अफसर बगले झांकते हुए नजर आए।