हाईकोर्ट ने फिर कसे केंद्र के पेंच-पूछा दिल्ली को ऑक्सीजन मांग से कम क्यों?

दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन केंद्र से मांगी थी;

Update: 2021-04-29 09:19 GMT

नई दिल्ली। उच्च न्यायालय ने दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी को लेकर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए केंद्र सरकार से पूछा है कि महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश को मांग से ज्यादा ऑक्सीजन दी गई जबकि दिल्ली को मांग से कम ऑक्सीजन का आवंटन क्यों किया गया।

बृहस्पतिवार को उच्च न्यायालय के जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच ने राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मरीजों को आॅक्सीजन की किल्लत पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। बेंच ने सरकार से कहा कि वह या तो महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश को मांग से ज्यादा और दिल्ली को मांग से कम आॅक्सीजन आपूर्ति के लिए उचित और तार्किक कारण बताएं या हालातों को देखते हुए ऑक्सीजन आवंटन के अपने आदेशों में संशोधन करें। केंद्र सरकार की ओर से बेंच के समक्ष पेश हुए साॅलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार बेंच को इसका तार्किक जवाब देगी। सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र को मांग से अधिक ऑक्सीजन देने के लिए उचित व तार्किक कारण बतायेगी। उन्होंने बताया कि कई राज्य ऐसे हैं जिन्हें मांग से कम ऑक्सीजन का आवंटन किया गया है। उन्होंने कहा कि हमने तर्कसंगत निर्णय लिया है। दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने बेंच के सम्मुख कई राज्यों द्वारा ऑक्सीजन की मांग और उन्हें दिए गए आवंटन की एक सूची पेश की है। राहुल मेहरा ने आरोप लगाया कि सिर्फ दिल्ली को मांग के अनुरूप ऑक्सीजन नहीं दी जा रही है। उन्होंने बेंच को बताया कि कई राज्यों को केंद्र सरकार मांग से ज्यादा ऑक्सीजन की आपूर्ति दे रही है। दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन केंद्र से मांगी थी। केंद्र सरकार ने दिल्ली को सिर्फ 480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का कोटा आवंटित किया है। मेहरा ने बेंच को बताया कि दिल्ली को जितना ऑक्सीजन आवंटित किया गया है उसकी भी पूरी आपूर्ति नहीं की गई है



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