दूल्हे को वरमाला डालने के बाद गायब हुई दुल्हन- छोटी बहन ने लिए फेरे
माता-पिता ने इज्जत बचाने के लिए छोटी बहन को दूल्हे संग सात फेरे दिलाए और वह उसकी जीवन साथी बन गई।
कुशीनगर। आमतौर पर लड़का और लड़की की शादी के लिए उनके माता-पिता रिश्ता तय करते हैं। दूसरी तरफ यह भी कहा जाता हैं कि दूल्हा दुल्हन की जोड़ी विधाता ही निर्धारित करता है। इसी तरह दरवाजे पर बारात लेकर आए दूल्हे को वरमाला डालने के बाद जब दुल्हन गायब हो गई तो माता-पिता ने इज्जत बचाने के लिए छोटी बहन को दूल्हे संग सात फेरे दिलाए और वह उसकी जीवन साथी बन गई।
दरअसल जनपद के चौरा खास थाना क्षेत्र के बिन टोला गांव के रहने वाले उदय नाथ ने अपनी 19 वर्षीय बेटी का रिश्ता एक गांव में तय किया था। निर्धारित तिथि के मुताबिक रविवार को आयोजित किए गए शादी समारोह में 19 वर्षीय नीतू के साथ शादी करने के लिए दूल्हा गांव में बारात लेकर पहुंचा। दरवाजे पर आई बारात का स्वागत करने के बाद उन्हें नाश्ता आदि कराया गया। घुड़चढ़ी की रस्म के अंतर्गत बाराती जब नाचते गाते हुए लड़की पक्ष के दरवाजे पर पहुंचे तो लाल जोड़े में सजी-धजी दुल्हन अपने जीवनसाथी को वरमाला डालने के लिए दरवाजे पर पहुंची और दूल्हे के गले में जयमाला डाल दी। इसके बाद दुल्हन ने अपने होने वाले जीवन साथी के साथ टेबल पर बैठकर खाना भी खाया। जब तक फेरे आदि की रस्म पूरी होती उससे पहले दुल्हन अपने कमरे में चली गई।
जब फेरों का समय हुआ तो दुल्हन को मौके पर बुलाया गया, घर की महिलाएं दुल्हन को शेरों पर बैठाने के लिए उसे लेने कमरे में पहुंची, लेकिन अंदर से जब दरवाजा बंद मिला तो उनके होश फाख्ता हो गए। पुरुषों को बुलाकर घर का दरवाजा तोड़ा गया तो अंदर से दुल्हन गायब मिली। तमाम संभावित स्थानों पर तलाश किए जाने के बावजूद जब दुल्हन नहीं मिली तो लड़की पक्ष ने लड़के पक्ष के आगे अपनी छोटी बेटी की शादी का प्रस्ताव रखा। लड़के पक्ष की रजामंदी पर नीतू की छोटी बहन के साथ बारात लेकर आए दूल्हे ने अग्नि के सम्मुख सात फेरे लिए और नीतू की छोटी बहन को अपना जीवन साथी बना लिया।
जब बारात अपने घर वापस लौटने की तैयारी कर रही थी तो इसी दौरान गायब हुई दुल्हन के एक पेड़ पर लटके होने का पता चला। परिजन तुरंत मौके पर पहुंचे। इसी बीच दूल्हा और बाराती भी मौके पर पहुंच गए। पेड़ से लटकी दुल्हन की जब पहचान की गई तो वह 19 वर्षीय नीतू थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। माना जा सकता है कि विधाता ही लड़के और लड़की के जीवनसाथी का चयन कर उनका रिश्ता निर्धारित करता है।