तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को दिये तार्किक जवाब
मैं उन्हीं की सरकार और एजेंसियों के आँकड़ोऔर रिपोर्ट के आधार पर बहस करूँगा।
पटना । बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से तथ्यों के आधार पर कल सुबह कुछ तार्किक सवाल किए थे और उन्हें आशा थी कि वो जवाब देंगे लेकिन उन्होंने किसी सवाल का कोई तार्किक जवाब नहीं दिया तो तेजस्वी यादव तथ्यों के दृष्टिगत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दिये तार्किक जवाब~
* कोरोना संक्रमण पर अब 6 महीने बाद भी मुख्यमंत्री कह रहे है कि हम यह मशीन लाएँगे वो लायेंगे। ख़ाली Antigen test के फ़र्ज़ी आँकड़ो के सहारे लोगों को गुमराह कर रहे है। प्रतिदिन 1 लाख RT-PCR टेस्ट क्यों नहीं हो रहे?
* CM कह रहे है क्वारांटाइन सेंटर में प्रति व्यक्ति 5000 ₹ खर्च किए। मुख्यमंत्री ऐसे 100 लोग बिहार से ढूँढकर दिखा दें जो यह कहे कि उनपर इतना खर्च हुआ? सारा पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।
* जो मुख्यमंत्री 140 दिन अपने घर से बाहर नहीं निकले उसे कोई ज़मीनी जानकारी नहीं हो सकती। एसी कमरों में बैठे जो कुछ अधिकारियों ने लिखकर दे दिया वो मुख्यमंत्री ने बिना पड़ताल किए पढ़ दिया।
* मैं मुख्यमंत्री जी से बेरोज़गारी पर लगातार सवाल कर रहा हूँ। रोजगार पर बोलते समय मुख्यमंत्री हकला रहे थे। झूठ का पहाड़ खड़ा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने बताया कि 14 करोड़ मानव दिवस का सृजन किया? और औसतन प्रतिदिन 10 लाख लोगों को काम मिल रहा है।
* मैं मुख्यमंत्री को चुनौती देता हूँ कि वो बताए किन 10 लाख लोगों को प्रतिदिन काम मिल रहा है। उनके skill set के साथ सूची सार्वजनिक करें। मुख्यमंत्री मानव दिवस नहीं यह बताए कितने मानवों को काम मिला। यह शब्दों की बाज़ीगरी नहीं चलेगी?
* नीतीश कुमार जी पर उम्र का असर दिख रहा है। वो 20 वर्ष पूर्व कोर्ट की टिप्पणी का ज़िक्र कर रहे थे लेकिन अभी एक वर्ष पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सरकार मुज़फ़्फ़रपुर बालिका गृह कांड को लेकर क्या-क्या कहा था वह भुल गए। बढ़ती उम्र के कारण शायद उन्हें याद नहीं रहा तो बता दूँ कोर्ट ने इन्हें अमानवीय, अमर्यादित, अशोभनीय, शर्मनाक और डरावना तक कहा था।
* नीतीश कुमार 30 वर्ष पूर्व के बासी पन्नों की सुगंध ले रहे थे। आज के राक्षसराज में जंगलराज की बात कर रहे थे। आधे से ज़्यादा उनके नेता उसी जंगलराज के समय है। अब भी उन जंगलराज वालों के लिए माला लेकर लपलपाते रहते है। अगर हमारा 15 वर्ष का जंगलराज था तो क्यों 2015 में हाथ-गोड़ जोड़कर गठबंधन करने आए थे? यह दोहरा चरित्र क्यों?
* मुख्यमंत्री कहते है कि कुछ लोग बिहार को बदनाम करते है? आपसे ज़्यादा किसने बदनाम और बर्बाद किया? आपने तो बिहार को बदनाम करने के लिए फ़िल्में बनवाई? उन फ़िल्म वालों को उपकृत करते हुए चुनाव लड़वाया। आप आइना देखिए।
* मुख्यमंत्री कहते है लोग बिना ज्ञान बोलते है। मैं उन्हें खुली चुनौती देता हूँ कि वो जब चाहे, जहाँ चाहे, जितनी देर चाहे , आँकड़ो और तथ्यों के आधार पर मुझसे बहस कर ले। मैं उन्हीं की सरकार और एजेंसियों के आँकड़ोऔर रिपोर्ट के आधार पर बहस करूँगा। आइए करिए डिबेट..