सीबीआई के चंगुल में फंसे सुभारती के चेयरमैन की होगी गिरफ्तारी!
अभी तक जेल की सलाखों से दूर चल रहे ग्रुप के चेयरमैन अतुल कृष्ण भटनागर सीबीआई के शिकंजे में बुरी तरह से फंस गए हैं।
मेरठ। सुभारती ग्रुप के अकाउंटेंट की हत्या किए जाने के मामले में अभी तक जेल की सलाखों से दूर चल रहे ग्रुप के चेयरमैन अतुल कृष्ण भटनागर सीबीआई के शिकंजे में बुरी तरह से फंस गए हैं। बताया जा रहा कि किसी भी समय अतुल कृष्ण भटनागर की गिरफ्तारी की जा सकती है।
बुधवार को मेरठ के सुभारती ग्रुप के अकाउंटेंट निर्मल शर्मा की वर्ष 2006 की 14 जून को की गई हत्या के मामले की जांच कर रही सीबीआई के शिकंजे में सुभारती ग्रुप के चेयरमैन अतुल कृष्ण भटनागर बुरी तरह से फंस गए हैं।
सीबीआई की ओर से ऐलान किया गया है कि सुभारती ग्रुप के चेयरमैन अतुल कृष्ण भटनागर पर अपने अकाउंटेंट की हत्या की साजिश का मुकदमा चलेगा। इस मामले को लेकर अदालत में दाखिल की गई चार्जशीट पर 2 मई को सुनवाई नहीं हो सकी है। सुनवाई कर रहे जज का ट्रांसफर हो जाने की वजह से टली सुनवाई अब 9 मई को आरंभ होगी।
मुकेश हजरत पुरिया समेत कई अन्य शूटरों की सहायता से कराई गई निर्मल शर्मा की हत्या सुभारती ग्रुप के पार्टनर हरि ओम आनंद के साथ हुए विवाद के बाद कराई गई थी। हत्या से पहले अकाउंटेंट निर्मल शर्मा के घर जाकर उन्हें धमकी भी दी गई थी।
सुभारती ग्रुप के चेयरमैन अतुल कृष्ण भटनागर सुभारती ग्रुप, सुभारती हॉस्पिटल, सुभारती मेडिकल कॉलेज, सुभारती यूनिवर्सिटी एवं दैनिक प्रभात अखबार समेत कई अन्य कारोबार एवं कंपनियों के मालिक है जो इस समय सीबीआई के शिकंजे में हंसते हुए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि सुभारती ग्रुप के चेयरमैन अतुल कृष्ण भटनागर के अलावा हरिओम आनंद उनके पार्टनर हुआ करते थे। जब अतुल कृष्ण भटनागर ने अपने पार्टनर हरिओम आनंद को खुडडे लाइन लगाना शुरू किया तो हरि ओम आनंद ने अतुल कृष्ण भटनागर के खिलाफ खुली जंग का ऐलान कर दिया था।
इन दोनों की लड़ाई में हरिओम आनंद का साथ देने वाले अकाउंटेंट निर्मल शर्मा की वर्ष 2006 की 14 जून को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या की जांच पहले तो मेरठ पुलिस द्वारा की गई थी। फिर सीबीसीआईडी ने इस मामले को अपने हाथों में ले लिया था।
मौजूदा समय में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई अकाउंटेंट निर्मल शर्मा की हत्या के मामले की जांच कर रही है। अब देखने वाली बात यह रह गई है कि निर्मल शर्मा के असली हत्यारे पकड़े जाते हैं या नहीं।