किसी का तीर, किसी का तुक्का

किसी की नौटंकी सफल भी हो गयी तो वे मूंछों पर ताव दे रहे हैं। किसी का तीर निशाने पर लगा तो किसी का तुक्का साबित हुआ।

Update: 2020-11-14 02:07 GMT

नई दिल्ली। अभी, हाल ही बिहार विधानसभा चुनाव के साथ कई राज्यों में 50 से अधिक सीटों पर उपचुनाव सम्पन्न हुए। चुनाव और उपचुनाव में नेताओं ने अपने दल के नाम पर, अपने अथवा सहयोगी दल के नामचीन नेता के नाम पर तो वोट मांगे ही, तरह तरह की नौटंकी भी की। किसी ने भावुक होकर जनता के नाम चिट्ठी लिखी तो किसी ने विरागी मन दिखाते हुए कहा, भइया बस एक बार और हमारी नैया पार लगा दो, इसके बाद हम राजनीति से संन्यास ही ले लेंगे। किसी नेता ने प्रतिज्ञा कर ली कि चुनाव नहीं जीता तो अपना नाम बदल डालूंगा। अब उनको कौन बताता कि भइया, तुम्हारे नाम बदलने से क्या फर्क पड़ता है। अपना काम बदलो। जनता की सेवा करने आए थे तो जनता को लूटने क्यों लगे? चुनाव में जनता ने सही रास्ता दिखा दिया तो अब मुंह छिपाते फिर रहे हैं। किसी की नौटंकी सफल भी हो गयी तो वे मूंछों पर ताव दे रहे हैं। किसी का तीर निशाने पर लगा तो किसी का तुक्का साबित हुआ।


उपचुनावों की नजर से देखें तो सबसे महत्वपूर्ण मध्य प्रदेश था। यहां हुए उपचुनाव के नतीजों के बाद अब कांग्रेस नेता जीतू पटवारी के दावे पर सियासत हो रही है। मालूम हो कि जीतू पटवारी ने सांवेर सीट पर तुलसी सिलावट को 20 हजार वोट से हारने का बड़ा दावा किया था। अब सांवेर सीट से कांग्रेस की हार के बाद बीजेपी ने कहा कि जीतू पटवारी अब अपना नाम बदलें। वहीं, मेवाराम जाटव की जीत की वजह यह भी मानी जा रही है कि उन्होंने चुनावी सभा के दौरान कहा था आने वाली तीन तारीख को अगर वोट नहीं दिये तो आप सबको मेरी चिता पर दो कंडे डालने आना होगा। भिंड जिले की गोहद विधान सभा सीट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है। यहां से इस बार विधानसभा सीट पर कांग्रेस के मेवाराम जाटव जीते हैं। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के रणवीर जाटव को 11899 वोट से हराया। जनता ने कई साल बाद स्थानीय विधायक चुना। यहां हर बार जनता बाहरी प्रत्याशी पर ही अपना भरोसा जताती थी। मेवाराम जाटव का तीर निशाने पर लगा है वरना कई लोग दूसरे को आइटम बताते-बताते खुद आइटम बन जाते हैं। बहरहाल, मध्यप्रदेश की सांवेर सीट पर बीजेपी की ऐतिहासिक जीत के बाद अब कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के उस दावे पर सियासत होने लगी है जिसमें उन्होने दावा किया था कि तुलसी सिलावट यदि 20 हजार से ज्यादा वोटो से नहीं हारे तो मैं अपना नाम बदल दूंगा। नतीजों के बाद अब जब तुलसीराम सिलावट हारने की जगह 53 हजार से ज्यादा वोटों से जीत गए है तो बीजेपी को भी मौका मिल गया है। बीजेपी अब जीतू पटवारी के वीडियो पर चुटकी ले रही है। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता जेपी मूलचंदानी का कहना है कि जीतू पटवारी कांग्रेस के बड़बोले विधायक हैं। उन्होने खुद ये वीडियो बनवाया था। अब उन्हें अपने दावे और वादे को निभाते हुए अपना नाम बदल लेना चाहिए, नहीं तो जनता इनका नाम बदल देगी, जैसे इनके एक पूर्व मुख्यमंत्री का नाम मिस्टर बंटाढार रख दिया था।

कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने सांवेर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक के दौरान कहा था कि जो मैं कह रहा हूं उसकी रिकॉर्डिंग करो। यदि तुलसी सिलावट बीस हजार से ज्यादा वोटों से नहीं हारा तो मैं अपना नाम बदल लूंगा। मध्यप्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने 19 सीटों पर बंपर जीत हासिल की है। वहीं, कांग्रेस 9 सीटों पर सिमट कर रह गई। भिंड में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित गोहद विधानसभा सीट पर पहली बार कांग्रेस के स्थानीय प्रत्याशी मेवाराम जाटव को 11899 वोट से विजय हासिल हुई । इससे पहले जनता ने हर बार चुनाव में बाहरी प्रत्याशी को चुना। कांग्रेस के मेवाराम जाटव तीन विधानसभा चुनाव लड़ चुके थे और तीनों बार जनता ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था। तीन बार चुनाव हारने बाले कांग्रेस के मेवाराम जाटव की सहानभूति ने उन्हें इस मुकाम पर पहुंचा दिया।

मेवाराम जाटव की जीत की वजह यह भी मानी जा रही है कि उन्होंने चुनावी सभा के दौरान कहा था आने वाली तीन तारीख को अगर वोट नहीं दिये तो आप सब को मेरी चिता पर दो कंडे डालने आना होगा। मेवाराम बोले तीन चुनाव हार चुका हूं । ये मेरा चैथा चुनाव है। अब मेरी इज्जत आप सब के हाथ में है। उन्होंने झोली फैलाकर जनता से वोट मांगे। इससे जनता भावुक हो गई और मेवाराम जाटव को भारी मतों से जीत दिला दी।


मध्यप्रदेश उपचुनाव में सबसे हॉट मानी जाने वाली सांवेर सीट की मतगणना में रात करीब 1 बजे फायनल परिणाम आया। यहां नतीजे चैंकाने वाले रहे। सांवेर में कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही थी. लेकिन पहले राउंड से ही भाजपा के तुलसीराम सिलावट कांग्रेस के प्रेमचंद गुड्डू पर हावी दिखे। आखिरी आंकड़े ने सिलावट को 53264 मतों से विजयी घोषित कर दिया। तुलसी सिलावट को 1,29,676 मत मिले वहीं, प्रेमचंद गुड्डू को 76412 से ही संतोष करना पड़ा है। सांवेर से 13 प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत आजमाई थी.लेकिन कांग्रेस और भाजपा को छोड़कर सभी 11 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। मतगणना में बहुजन समाज पार्टी तीसरे और नोटा चैथे नंबर पर बने रहे। बीएसपी को 2135 वोट मिले । वहीं, 1984 लोगों ने नोटा को चुना। डाक मत पत्रों में भी नोटा को 9 लोगों ने वोट किया। मेवाराम जाटव ने गोहद की जनता का आभार व्यक्त किया साथ ही जनता से जुड़ी समस्याएं दूर करने के लिए हर संभव प्रयास करने का वादा किया। गोहद विधानसभा सीट के पिछले 41 साल के इतिहास में मतदाताओं ने कभी स्थानीय उम्मीदवार को तवज्जो नहीं दी। भाजपा और कांग्रेस ने भी बाहरी प्रत्याशियों को ही मैदान में उतारा है। सन 1957 में सुशीला सोबरन सिंह भदौरिया (कांग्रेस) के चुनाव जीते थे। इसके बाद 1962 में रामचरण लाल थापक (प्रजा सोशलिस्ट पार्टी) से विजयी हुए। सन 1967 में कन्हैयालाल माहौर (जनसंघ) गोहद से विधायक बने तो 1972 में भी भूरेलाल फिरौजिया (जनसंघ) से ही चुनाव जीते। वह भी उज्जैन के रहने वाले थे। इसके बाद 1977 में भूरेलाल फिरौजिया (जनता पार्टी) से विजयी हुए। अगली बार 1980 में श्रीराम जाटव (भाजपा) ने चुनाव जीता। वे भिंड के रहने वाले थे। सन् 1985 में चतुर्भुज भदकारिया (कांग्रेस) से विधायक बने जो ग्वालियर निवासी थे। इसी तरह1989 में सोपत जाटव (कांग्रेस) भिंड, 1990 में श्रीराम जाटव (भाजपा) भिंड, 1993 में चतुरीलाल बराहदिया (बसपा) ग्वालियर, 1998 में लाल सिंह आर्य (भाजपा) भिंड, 2003 में लाल सिंह आर्य (भाजपा) भिंड, 2008 में माखनलाल जाटव (कांग्रेस) भिंड, 2009 में रणवीर जाटव (कांग्रेस) भिंड और 2013 में लाल सिंह आर्य (भाजपा) भिंड ने यहां से प्रतिनिधित्व किया है।

मध्य प्रदेश में हुए उपचुनाव में बीजेपी की जीत पर मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने बड़ा बयान दिया है। उमा भारती ने उपचुनाव में बीजेपी को मिली जीत के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की वजह से बीजेपी सरकार सत्ता में वापस आई है और भाजपा की जीत हुई। उमा भारती ने कहा, सिंधिया हमारे लिए बहुत प्यारे हैं, जिगर के टुकडे हैं। वहीं, उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया, सीएम शिवराज सिंह चैहान और बीडी शर्मा तीनों को त्रिदेव बताया।

बीजेपी नेता उमा भारती हमेशा से ही अपनी बयानबाजी को लेकर सुर्खियों में रहती हैं। उमा भारती का कहना है कि इन तीनों की मेहनत से कार्यकर्ता एकजुट हुए। उमा भारती ने कहा कि प्रदेश में जो परिणाम आए हैं उनसे हम संतुष्ट नहीं हैं और जिन सीटों पर हार हुई है उसकी समीक्षा करेंगे। वहीं, उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जमकर तारीफ की। उमा भारती का कहना है कि बिहार में शराबबंदी की वजह से ही महिलाओं का वोट प्रतिशत बढ़ा है। इस प्रकार नीतीश जी की संन्यास की घोषणा और मोदी जी की चिट्ठी पर पानी फेर दिया।

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