राकेश टिकैत ने दी चेतावनी- कीलबंदी पर भारी पड़ेगी अनाजबंदी
अपने आंसुओं से किसान आंदोलन को एक बार फिर से चरम पर पहुंचाने वाले राकेश टिकैत ने सरकार को चेतावनी दी है।
नई दिल्ली। अपने आंसुओं से किसान आंदोलन को एक बार फिर से चरम पर पहुंचाने वाले राकेश टिकैत ने सरकार को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि सरकार जो कीलबंदी कर रही है, वह सही नहीं है। यदि किसानों ने अनाजबंदी कर दी, तो यह बहुत भारी पड़ सकती है।
सोशल मीडिया पर भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक फोटो ट्वीट किया है। उक्त फोटो पर उन्होंने कमेंट किया है-
कील बंदी पर अनाज बंदी भारी पड़ सकती है।
सरकार को नागरिकों पर ताकत का प्रदर्शन नही करना चाहिए।
सोशल मीडिया पर जिस तरह से राकेश टिकैत ने फोटो ट्वीट करते हुए चेतावनी भरे शब्द लिखे हैं, उससे लगता है कि आंदोलन अब और लम्बा खिंच सकता है और एक अलग ही रूप ले सकता है। कीलबंदी का मतलब यहां पर सरकार द्वारा आंदोलनों को रोकने के लिए की गई बेरीकेटिंग या फिर वे व्यवस्थाएं हैं, जिनसे कि आंदोलनों को असफल किया जा सके। बागपत में जहां किसान आंदोलन के लिए टैंट नहीं दिये गये थे, वहीं बेरीकेटिंग कर दी गई थीं। राकेश टिकैत ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि सरकार द्वारा जो कीलबंदी की जा रही है, वह उचित नहीं है। यदि किसानों ने, जो कि भूमिपुत्र है, उसने अनाजबंदी कर दी, तो यह सभी बंदियों पर भारी पड़ जायेगी।
उन्होंने कहा कि सरकार को अपनी ताकत का प्रयोग नागरिकों पर नहीं करना चाहिए। उन्होंने यह तंज लाठीचार्ज को लेकर किया है। आज ही राकेश टिकैत की जमीन पर बैठकर भोजन करते हुए वीडियो भी वायरल हुई थी। वहीं जिस प्रकार से राकेश टिकैत ने ट्वीट किया है, उसमें छिपी चेतावनी को सरकार को समझना होगा। अन्यथा आंदोलन एक अलग ही मोड़ ले सकता है।