बोले प्रशांत भूषण- चंदा लेकर सरकार ने देश में चलने दी घातक दवाएं

सीबीआई ईडी के रिटायर्ड अधिकारियों की टीम को इस एसआईटी में शामिल करने का अनुरोध किया गया है।

Update: 2024-04-27 12:20 GMT

भोपाल। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा है कि जिन कंपनियों ने इलेक्टोरल बांड के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी को चंदे के रूप में पैसे दिए हैं वह किसी ने किसी भ्रष्टाचार में शामिल रही है। रेमडेसीविर दवा बनाने वाली कंपनी की बीस से भी अधिक दवाओं को जनता के लिए घातक होने के बावजूद सरकार ने इसलिए देश में उन्हें चलने दिया क्योंकि इन कंपनियों ने इलेक्टोरल बांड के जरिए भाजपा को पैसा दिया था।

शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी सरकार ऐसी कंपनियां को क्लीन चिट दे सकती है जिनसे उन्होंने चंदा लिया है, क्योंकि जिन कंपनियों ने इलेक्टोरल बांड के माध्यम से बीजेपी को चंदे के रूप में करोड़ों रुपए दिए हैं, वह किसी ने किसी तरह से भ्रष्टाचार में शामिल रही है ।

उन्होंने इस बाबत सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है जिसे अदालत द्वारा स्वीकार कर लिया गया है और उस पर अगले हफ्ते सुनवाई होने जा रही है। गांधी भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए वरिष्ठ एडवोकेट प्रशांत भूषण ने कहा है कि अदालत से उनके द्वारा एसआईटी गठित करते हुए जांच करने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज, सीबीआई ईडी के रिटायर्ड अधिकारियों की टीम को इस एसआईटी में शामिल करने का अनुरोध किया गया है।

उन्होंने कहा है कि रेमडेसीविर दवा बनाने वाली जायडस कैडिला जैसी 20 से अधिक कंपनियों की दवाओं को जनता के लिए घातक होने के बावजूद सरकार द्वारा देश में केवल इसलिए चलने दिया क्योंकि इन कंपनियों ने इलेक्टोरल बांड के माध्यम से बीजेपी को चंदा दिया था। यह कंपनियां गुजरात की है और उनके खिलाफ खतरनाक दवा बनाने की रिपोर्ट आने के बावजूद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

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