पुलिस, कानून और राजनीति
यह वसूली कितनी है, यह महत्वपूर्ण नहीं बल्कि पुलिस क्या इस प्रकार की वसूली करती है? इतना ही नहीं क्या सरकार को यह पता है
पटना। बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार के नये पुलिस कानून का विरोध किया है। पिछले कुछ दिनों से पुलिस कानून और राजनीति आपस में उलझ गये हैं। महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस कमिश्नर करमवीर सिंह ने राज्य के गृहमंत्री पर सीधे-सीधे आरोप जड़ दिया है कि उन्होंने पुलिस को निर्देश दिया था कि मुंबई के बार और माॅल से वसूली करके उनके पास पहुंचाएं।
यह वसूली कितनी है, यह महत्वपूर्ण नहीं बल्कि पुलिस क्या इस प्रकार की वसूली करती है? इतना ही नहीं क्या सरकार को यह पता है कि पुलिस वसूली करती है। इसके बाद तो मलाईदार थानों की हकीकत सामने आ जाती है। कोई पुलिस अफसर मलाईदार थाने में तैनाती के लिए रिश्वत देता है और उसकी जानकारी भी जनता के चुने उन प्रतिनिधियों को होती है जो सौभाग्य से सरकार बनाने में कामयाब हो गये हैं? मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर करमबीर सिंह की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया और कहा कि इस मामले में आप कुछ आरोप लगा रहे हैं और मंत्री कुछ और आरोप लगा रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने विधि व्यवस्था का पालन करते हुए करमबीर सिंह को महाराष्ट्र में हाईकोर्ट के समक्ष अपनी बात कहने का सुझाव भी दिया है। इस प्रकरण से यह सवाल भी उठता है कि राजनीति को पुलिस से और पुलिस को राजनीति से परेशानियां हो रही हैं। बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने नया पुलिस कानून बनाया है तो उससे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को दिक्कत महसूस हुई और विधानसभा के अंदर उन्होंने कह दिया कि नये कानून के तहत आज विपक्षी विधायकों को पीटा जा रहा है तो कल कोई और भी पीटा जाएगा। पुलिस पूर्व मुख्यमंत्री को भी घर में घुसकर पीट सकती है। विपक्ष इस बिल पर चर्चा की मांग कर रहा है। मामला तो महाराष्ट्र का भी गंभीर है।
बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक- 2021 को विधानसभा में पेश कर दिया गया है। बिल पेश करने से पहले सड़क से सदन तक बवाल मच गया। विपक्षी दल बिल का विरोध कर रहे थे। वहीं, सदन में प्रभारी मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने इस विधेयक को पेश करते हुए इसकी विशेषताओं की जानकारी दी। मंत्री ने कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य राज्य के विकास एवं व्यापक हित में वर्तमान में कार्यरत बीएमपी को समर्पित, कुशल प्रशिक्षित, पूर्णतः सुसज्जित और बहुज्ञानक्षेत्रीय सशस्त्र पुलिस बल के रूप में विकसित करना है। यह विधेयक किसी नए पुलिस बिल के गठन का प्रस्ताव नहीं करता है, बल्कि पिछले 129 सालों से कार्यरत बिहार सैन्य पुलिस (बीएमपी) को विशेष सशस्त्र पुलिस बल के रूप में पुनर्नामांकित करते हुए उसे सुदृढ़ बनाने की कोशिश है।
बिल पेश करते हुए मंत्री ने कहा कि तीन राज्य और नेपाल के साथ बिहार के जुड़े होने के कारण बिहार में एक सशस्त्र पुलिस बल की जरूरत महसूस की जा रही थी। बंगाल, ओडिशा और उत्तर प्रदेश के बाद बिहार में भी इस विधेयक को लाया गया। इससे राज्य की आंतरिक सुरक्षा मजबूत होगी और केंद्रीय पुलिस बल पर निर्भरता कम होगी। मंत्री ने कहा कि साल 2010 में केंद्रीय बल की 23 कंपनियां थीं, अभी यह 45 हो चुकी हैं। इससे राज्य को अधिक पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। बीएमपी के बदले नया सशस्त्र बल बनने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। पहले से ही राज्य में जिला पुलिस बल व सशस्त्र पुलिस बल मौजूद है। एक शताब्दी के अपने सुविख्यात अस्तित्व के दौरान बीएमपी ने अपनी कार्यपद्धति से अलग कार्य संस्कृति विकसित की है। इसी को आगे बढ़ाते हुए सशस्त्र पुलिस बल बनाया जा रहा है।
मंत्री ने कहा कि बीएमपी अभी बोधगया, महाबोधि मंदिर, दरभंगा एयरपोर्ट आदि की भी सुरक्षा कर रहा है। विशेष बल लोक व्यवस्था का संधारण, उग्रवाद से मुकाबला, प्रतिष्ठानों की बेहतर सुरक्षा के साथ ही वह सभी कार्य करेगी जो सरकार की ओर से अधिसूचित किए जाएंगे। औद्योगिक इकाइयों की सुरक्षा करेंगे, लेकिन बल को असीमित अधिकार नहीं दिए गए हैं। अगर कोई अपने अधिकारों का दुरुपयोग करता है तो उस पर कार्रवाई करने में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।
उन्होंने बिना वारंट की गिरफ्तारी पर कहा कि यह तो पुलिस को मौजूदा समय में भी अधिकार प्राप्त है। क्या कोई पुलिस पर हमला करेगा, शांति-व्यवस्था भंग करने की कोशिश करेगा तो पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठे रहेगी?
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार को 5 साल तक विधानसभा का बाय काट करने की चेतावनी दी है। बिहार विधानसभा में सदन की कार्यवाही से समानांतर विधायकों के साथ बैठे तेजस्वी यादव ने विधानसभा परिसर में हुई मारपीट और लाठीचार्ज की घटना की न केवल निंदा की बल्कि खुले तौर पर नीतीश कुमार को चुनौती दी थी। विधानसभा में 23 मार्च को लोकतंत्र का चीर हरण हुआ।
विधानसभा में अपने विधायकों के साथ काली पट्टी बांधकर पहुंचे तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार सी ग्रेड की पार्टी के नेता है। विधानसभा में मर्यादा को तार-तार करते हुए हमारे विधायकों को गंदी गंदी गालियां दी गई। तेजस्वी ने कहा कि सदन में हमारे सवाल पर नीतीश कुमार कुछ नहीं बोलते हैं। नीतीश जी को तो कोई खुद से ज्ञान नहीं है लेकिन वह मुझे उपदेश देते हैं। बिहार पुलिस के नए कानूून का जिक्र करते हुए तेजस्वी ने कहा कि आज विधायकों को पीटा जा रहा है, कल कोई भी निशाना बन सकता है। इस कानून के बाद पुलिस पूर्व मुख्यमंत्री को भी घर में घुसकर पीटेगी उन्होंने कहा कि सरकार तो आती जाती रहती है लेकिन मैं अधिकारियों को कहना चाहता हूं कि मेरा भी नाम तेजस्वी यादव है। तेजस्वी ने कहा कि वो हमसे इस बिल पर चर्चा करें हम पूरे बिल का बिंदुवार जवाब देंगे। तेजस्वी ने कहा कि हमारी लड़ाई आगे भी जारी रहेगी। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारी महिला विधायकों के साथ दुव्र्यवहार हुआ है तो नीतीश कुमार जी वाकई खुश होंगे। लोकतंत्र के लिए वाकई कल का दिन काला दिन है, यही कारण है कि पूरे देश में इसकी निंदा हो रही है। तेजस्वी ने नीतीश कुमार को निर्लज कुमार तक बता दिया। उन्होंने सरकार को ललकारते हुए कहा कि मैदान में आ जाएं।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी विपक्ष को निशाने पर लिया है। सदन की कार्यवाही के दौरान नीतीश कुमार ने 23 मार्च को विधानसभा परिसर में हुई घटना पर अपनी बातों को रखा। नीतीश कुमार ने कहा कि कल सदन में जो कुछ भी हुआ वह सही नहीं था। विधानमंडल के दोनों सदन पहले दिन से ही काफी अच्छे से चल रहे थे लेकिन पता नहीं कल ऐसा क्यों हुआ। उन्होंने विपक्ष पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि पता नहीं कैसी मानसिकता है और विपक्ष क्या करना चाहता है।
नीतीश ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है लेकिन सदन के खत्म होने के समय पता नहीं क्या हो गया। सब ने देखा सदन में कौन सबसे ज्यादा बोलता है। तेजस्वी यादव पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि पता नहीं उन्हें कौन ऐसा सुझाव दे रहा है। बिहार पुलिस के अधिनियम का जिक्र करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि कानून कोई भी बनाता है उस पर चर्चा होती है लेकिन सदन में आखिरी समय ऐसा क्यों हुआ यह समझ से परे है। इससे पहले बिहार के पूर्व मंत्री महेश्वर हजारी को विधानसभा का उपाध्यक्ष चुन लिया गया विपक्ष की अनुपस्थिति में भी विधानसभा में वोटिंग कराई गई जिसमें उनके पक्ष में 124 मत मिले जिसके बाद सदन में सर्वसम्मति से महेश्वर हजारी को उपाध्यक्ष चुन लिया गया। (हिफी)