सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज-अशफाक को मिलकर रहेगी सजा-ए-मौत

इस हमले के मास्टरमाइंड माने गए अशफाक आरिफ को वर्ष 2005 के दौरान दिल्ली की ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी।

Update: 2022-11-03 06:58 GMT

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली के लालकिले पर वर्ष 2000 के दौरान हुए हमले के मामले में दोषी पाए गए मोहम्मद अशफाक आरिफ की याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उसे किसी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया है। उच्चतम न्यायालय ने अशफाक आरिफ की सजा-ए-मौत को बरकरार रखते हुए उसकी याचिका खारिज कर दी है।

बृहस्पतिवार को देश की राजधानी दिल्ली के लालकिले पर वर्ष 2000 के दौरान हुए हमले के मामले में दोषी मोहम्मद अशफाक आरिफ की याचिका को सुप्रीमकोर्ट द्वारा खारिज कर दिया गया है। दोषी को किसी तरह की राहत देने से इनकार करते हुए उच्चतम न्यायालय ने आज अशफाक आरिफ की सजा-ए-मौत को बरकरार रखा है।

मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित की अगुवाई में सुनवाई कर रही उच्चतम न्यायालय की बेंच द्वारा अशफाक आरिफ की याचिका को खारिज कर दिए जाने से अब दोषी को मौत की सजा मिलना निश्चित हो गया है। गौरतलब है कि लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी अशफाक आरिफ को वर्ष 2000 की 22 दिसंबर को देश की राजधानी दिल्ली के लालकिले में सेना के बैरक पर हमला करने का दोषी पाया गया था। इस हमले के मास्टरमाइंड माने गए अशफाक आरिफ को वर्ष 2005 के दौरान दिल्ली की ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। वर्ष 2007 में दिल्ली हाईकोर्ट ने अशफाक आरिफ की मौत की सजा की पुष्टि कर दी थी। वर्ष 2011 में उच्चतम न्यायालय ने भी दोषी अशफाक आरिफ की फांसी की सजा को बरकरार रखा था।

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