संकट में राह-अस्पताल में नही मिली जगह-पेड़ को बना दिया आइसोलेशन वार्ड

कोरोना से संक्रमित हुए युवक को जब अस्पतालों व घर में जगह नहीं मिली तो उसने पेड़ के ऊपर ही आइसोलेशन वार्ड बना लिया।

Update: 2021-05-17 11:16 GMT

नई दिल्ली। ईमानदारी के साथ प्रयास करते हुए यदि ईमानदारी के साथ तलाश की जाए तो संकट में राह मिल ही जाती है। कोरोना से संक्रमित हुए 18 वर्षीय युवक को जब अस्पतालों व घर में जगह नहीं मिली तो उसने पेड़ के ऊपर ही अपना डेरा जमाते हुए आइसोलेशन वार्ड बना लिया। जहां वह लोगों से दूरी बनाते हुए कोरोना संक्रमण को मात देने में लगा हुआ है।

दरअसल तेलंगाना के नालगोंडा जनपद के गांव कोठा नंदीकोंडा में रहने वाले बीए के छात्र रामावत शिवा संगारेड्डी को पिछले दिनों कोरोना का संक्रमण हो गया। वह पिछले दिनों ही कोरोना संक्रमण के चलते अपने गांव लौटा था। संकट के इस दौर में परिवार की मदद के लिए वह मनरेगा के अंतर्गत काम कर रहा था। शिवा ने बताया कि वह 4 मई की शाम को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। डॉक्टरों ने उसे होम आइसोलेशन में रहने की सलाह देते हुए कहा कि इस दौरान तुम्हें सावधानी बरतनी होगी। युवक का घर काफी छोटा है और आइसोलेशन में रहने के लिए वहां जगह की कमी है। बीए का छात्र शिवा अपने छोटे से घर में अपनी बहन और माता-पिता के साथ रहता है।

शिवा ने बताया कि कोरोना संक्रमित होने के बाद मैंने एक रात अपने घर के बाहर गुजारी। इस दौरान अचानक से मेरे दिमाग में पेड पर रहने का आइडिया आया। जिसके चलते शिवा ने अपने मन की आवाज को सुनते हुए अपनी चारपाई पेड के ऊपर ही रख ली और उसे चारों तरफ से रस्सियों से बांध लिया। जिससे कि वह नीचे ना गिरने पाए। इस चारपाई पर ही वह पिछले कई दिनों से पेड़ को आइसोलेशन वार्ड बनाए हुए हैं। पेड़ नुमा आइसोलेशन वार्ड में रह रहा शिवा सिर्फ खाना खाने और शौच आदि के लिए पेड़ से नीचे उतरता है। शिवा ने बताया कि यह मेरे लिए काफी आरामदायक है। मेरे माता-पिता नाश्ता, लंच और डिनर आदि पेड़ के पास रखी कुर्सी पर रख देते हैं और मैं नीचे आकर उसे खा लेता हूं। शौच और भोजन आदि के अलावा में बाकी समय में पेड़ पर ही रहता हूं।

शिवा ने बताया कि जनजातीय छात्रों के लिए एक हॉस्टल में आइसोलेशन सेंटर बनाए जाने की जानकारी मुझे 13 मई को मिली थी। लेकिन तब तक मैंने खुद पेड़ पर ही आइसोलेशन के 8 दिन गुजार दिए थे। शिवा ने कहा कि कोरोना संक्रमण के डर की वजह से कोई मुझे देखने भी नहीं आ रहा है। पेड़ पर बैठकर शिवा अकसर अपना वक्त किताबें पढ़ते हुए, गाने सुनते हुए और मोबाइल पर दोस्तों से बात करते हुए गुजारते हैं। शिवा ने कहा, कोरोना से घबराने की कोई जरूरत नहीं है। आप पॉजिटिव सोच के जरिए ही कोरोना पर विजय हासिल कर सकते हैं।

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