7 लोगों का कत्ल- राष्ट्रपति ने खारिज की शबनम की दया याचिका
14 अप्रैल 2008 की रात को यूपी के अमरोहा जनपद के गांव बावनखेड़ी में एक ऐसा सनसनीखेज मामला हुआ था, जो कि आज भी भुलाये नहीं भूलता है।
नई दिल्ली। 14 अप्रैल 2008 की रात को यूपी के अमरोहा जनपद के गांव बावनखेड़ी में एक ऐसा सनसनीखेज मामला हुआ था, जो कि आज भी भुलाये नहीं भूलता है। इस वारदात को अंजाम दिया था एक युवती ने। युवती ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही परिवार के सात लोगों की हत्या कर दी थी। जब इस वारदात का खुलासा हुआ, तो लोगों को विश्वास तक नहीं हुआ था कि कोई अपने ही परिजनों के साथ इतनी सनसनीखेज वारदात कैसे कर सकता है। इस मामले में राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया है।
15 अप्रैल 2008 को उत्तर प्रदेश के अमरोहा जनपद के गांव बावनखेड़ी में शबनम ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही परिवार के सात लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। उसके परिवार में यदि कोई बचा था, तो वह थी 25 साल की शबनम। उसने अपने मां-बाप, दो भाई, भाभी, मौसी की बेटी और भतीजे का कत्ल कर दिया था। शबनम और सलीम एक दूसरे से प्रेम करते थे। यह रिश्ता शबनम के परिजनों को मंजूर नहीं था। इसी के चलते शबनम ने परिजनों की हत्या की योजना बनाई थी। इस योजना के तहत शबनम ने परिजनों के खाने में कुछ मिलाया और बाद में एक के बाद एक परिजन पर कुल्हाड़ी से वार करके उन्हें कत्ल कर लिया था। बाद में मामले का खुलासा होने पर पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया था। दोनों ही आरोपियों ने अपना जुर्म भी कबूल कर लिया था। 7 लोगों की हत्या के मामले मं शबनम ने राष्ट्रपति के यहां दया याचिका दाखिल की थी, जिसे खारिज कर दिया गया है।