मनीष चौधरी ने गरीब परिवारों के बीच रहकर बांटी दीपावली की खुशियां
प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी घुमंतु एवं गरीब परिवारों के साथ दीपावली की खुशियां बांटी और उनके बीच रहकर महापर्व मनाया
मुजफ्फरनगर। प्रमुख समाजसेवी मनीष चौधरी ने प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी घुमंतु एवं गरीब परिवारों के साथ दीपावली की खुशियां बांटी और उनके बीच रहकर यह महापर्व मनाया। इस अवसर पर उन्होंने गरीब परिवारों को मिठाई, मोमबत्ती, दीपक और उपहार वितरित किये, जिन्हें पाकर गरीब परिवार और उनके बच्चे खुशी से झूम उठे। इस दौरान घुमंतु जाति के शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों ने मनीष चौधरी को अपनी समस्याओं से अवगत कराया, जिनका निराकरण करने के लिये जोरशोर से आवाज उठाने का प्रमुख समाजसेवी मनीष चौधरी ने उन्हें भरोसा दिलाया।
ज्ञातव्य है कि प्रमुख समाजसेवी मनीष चौधरी अपनी समाजसेवी टीम के साथ प्रत्येक वर्ष दीपावली एवं होली का पर्व घुमंतु जाति एवं गरीब परिवारों के बीच मनाते चले आ रहे हैं। गत रात्रि भी मनीष चौधरी और उनकी टीम ने गरीब परिवारों को मिठाईयां, मोमबत्ती, दीपक और उपहार प्रदान किये, जिन्हें पाकर गरीब परिवारों और उनके बच्चों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इस मौके पर शिक्षा ग्रहण कर रहे गरीब परिवारों के बच्चों ने पत्रकारों को बताया कि मनीष चौधरी और उनकी समाजसेवी टीम प्रत्येक वर्ष उनके बीच आकर दीपावली और होली का पर्व मनाते हैं, जिससे उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहता। बच्चों ने बताया कि मनीष चौधरी उन्हें कॉपी, किताबें और उनकी शिक्षा पर होने वाले खर्च को भी वहन करते हैं। शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों ने पत्रकारों को बताया कि कक्षा 12वीं तक की शिक्षा तक तो उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई, अब उनके सामने जाति प्रमाण पत्र और मूल निवास प्रमाण पत्र की सबसे बडी समस्या आ रही है, क्योंकि न तो उनके जाति प्रमाण पत्र बन रहे हैं और पक्का मकान न होने के कारण उनका मूल निवास प्रमाण पत्र भी नहीं बन पा रहा है। इस तरह की समस्याएं आडे आने के कारण वे आगे की पढाई नहीं कर पा रहे हैं। बच्चों ने पत्रकारों को बताया उन्होंने इस समस्या से प्रमुख समाजसेवी मनीष चौधरी को अवगत करा दिया है, जिन्होंने उनकी समस्या का समाधान कराने का हरसम्भव प्रयास करने का उन्हें भरोसा भी दिया है।
बाद में जब पत्रकारों ने प्रमुख समाजसेवी मनीष चौधरी से पूछा कि वे प्रत्येक वर्ष गरीब एवं असहाय परिवारों के बीच दीपावली और होली का पर्व क्यों मनाते हैं, तो उन्होंने कहा कि यदि हमारे घरों में रोशनी है और गरीब परिवारों के घरों में अंधेरा है तो हमारा दीपावली का पर्व मनाने का कोई फायदा या मकसद पूरा नहीं होता। उन्होंने कहा कि इन पर्वों को जाति और धर्मों से ऊपर उठकर गरीब एवं असहाय लोगों के बीच मनाना चाहिए, इससे मन को प्रसन्नता होती है और गरीब परिवारों और उनके बच्चों के चेहरों पर खुशी देखने को मिलती है। उन्होंने कहा कि इन घुमंतु जाति एवं गरीब परिवारों के बच्चों ने उनके सामने कुछ समस्याएं रखी हैं, जिनका समाधान कराने के लिये वे हरसम्भव प्रयास करेंगे। मनीष चौधरी ने कहा कि यदि इन बच्चों की उच्च शिक्षा निर्विघ्न रूप से सम्पन्न हो तो न जानें इनमें से ही कितने हीरे निकलकर सामने आयेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार से मांग है कि इन लोगों को पक्के मकान और इनके बच्चों की शिक्षा पर उचित ध्यान दे। इस अवसर पर प्रमुख समाजसेवी मनीष चौधरी के अलावा युवराज सक्षम चौधरी, प्रशांत चौधरी, सौरभ चौधरी, कृष्णा चौधरी, के.पी. चौधरी, भरतवीर प्रधान जी, राजवीर राणा, योगेन्द्र कुमार मुन्ना, नवीन कश्यप, हंसराज कश्यप, सचिन शर्मा, आदि मुख्य रूप से मौजूद थे।