घूमने का मनोहारी पर्यटन स्थल है कुल्लू-मनाली
कुल्लू की घाटी को देवताओं की घाटी भी कहा जाता है। बसंत के मौसम में तो कुल्लू जैसी जगह लाजवाब हो जाती है।
नई दिल्ली। भारत में अत्यंत मनोरम, मनोहारी और चमत्कारी परिदृश्य यदि कहीं देखने को मिलते हैं तो वह स्थान हिमाचल प्रदेश के अलावा और कोई हो ही नहीं सकता। पर्यटक अगर घूमने के लिए कहीं जाने के बारे में सोचता है तो सबसे पहले उसके जेहन में जो नाम उभरता है वह है कुल्लू-मनाली। यहां के हिमाच्छादित पर्वत शिखर आसमान से बातें करते हैं तो इसकी हरी-भरी घाटियां नीचे ही नीचे चलती जाती हैं। कल-कल बहती निर्मल नदियां तेज चाल से जब चलती बढ़ती हैं तो आपके जीवन की सारी थकान हर लेती हैं। झीलें को देखना किसी सम्मोहन से कम नहीं है। आप घंटों इनके किनारे बैठकर सुकून पा सकते हैं। इस अंचल से कई गाथाएं, दंतकथाएं जुड़ी हुई हैं। यहां आप नजारे देखें या फिर पर्वतारोहण करें या पैराग्लाइडिंग, स्कीइंग, बर्फ की चोटी पर स्केटिंग या फिर गोल्फ का आनंद लें हिमाचल प्रदेश बाहें फैलाकर आपका स्वागत करने के लिए तैयार है।
कुल्लू की घाटी को देवताओं की घाटी भी कहा जाता है। बसंत के मौसम में तो कुल्लू जैसी जगह लाजवाब हो जाती है। यहां जब गुलाबी और सफेद फूल चारों तरफ खिल जाते हैं तो जो दृश्य उपस्थित होता है उसको शब्दों में बयान करना कठिन है। ढलानों के ऊपर की तरफ जहां तक नजर दौड़ाएं चटख रोडेन्ड्रॉन फूलों के रंग सब तरफ बिखरे दिखाई देते हैं। जब शरद ऋतु आती है तो नीला आसमान एकदम निर्मल दिखाई देने लगता है। दिसंबर महीने तक हरियाली चली जाती है, लेकिन अब भी जंगल में लंबे-चैड़े देवदार के ऊंचे पेड़ सिर उठाए खड़े रहते हैं। सर्दियां आने पर पहाड़ों की ढलानों पर बर्फ की सफेद चादर-सी बिछ जाती है। इस बात में कोई शक नहीं कि यह पश्चिमी हिमालय की सबसे खुशनुमा जगह है। इसे मानव बस्तियों की अंतिम सीमा मानने के कारण इसे प्राचीन समय में कुलांतपीठ भी कहा जाता था। लेकिन महाकाव्यों- रामायण, महाभारत और विष्णु पुराण में इसका उल्लेख इसी नाम से हुआ है। मानवालय यानी मनु के आवास से मनाली का नाम पड़ा है। मनु जो मानव जाति के पिता कहे जाते हैं, उन्होंने अपने आवास के लिए बहुत ही मनोरम पर्यावरण को चुना। मनाली अभी भी अपने आकर्षण और सुंदरता को उसी तरह से संजोए हुए है।
मनाली और उसके आसपास के हरेभरे क्षेत्र एक तरफ तो आपको सैर करने की दावत देते हैं तो दूसरी ओर ऊंचे-ऊंचे पर्वत पर्वतारोहकों को चुनौती देते हुए लगते हैं। अगर आप अपनी छुट्टियों में और अधिक रोमांच के क्षण चाहते हैं, तो आपके लिए हेली स्कीइंग के सर्वाधिक लोकप्रिय स्थल भी यहां पर हैं। यहां पर प्राकृतिक सौंदर्य बिखरा पड़ा है, कहीं भी चले जाइए आपको निराश नहीं होना पड़ेगा फिर भी रोरिख कला दीर्घा, ऊरुसवती हिमालय लोक कला संग्रहालय और शाम्बला बौद्ध थंगका कला संग्रहालय देखने योग्य हैं। (हिफी)