बारिश के हालात को लेकर खट्टर ने बुलाई आपात बैठक, परामर्श जारी...
बारिश को मद्देनजर रखते हुए राज्य के CM मनोहर लाल खट्टर ने वरिष्ठ अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आपात बैठक की।
चंडीगढ़। हरियाणा समेत देश के उत्तरी राज्यों में गत तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण बाढ़ और अन्य खतरों के मद्देनजर राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सोमवार सुबह वरिष्ठ अधिकारियों के साथ तथा बाद में जिला उपायुक्तों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आपात बैठक की तथा हालात का जायजा लिया।
यहां सचिवालय में आयोजित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस बैठक में श्री खट्टर ने अधिकारियों और जिला उपायुक्तों को जानमाल के किसी भी तरह का नुकसान रोकने के लिये उन्हें आवश्यक निर्देश दिये। उन्होंने राज्य में हालात पर नज़र रखने के लिये अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम भी रद्द कर दिये हैं। सचिवालय में आयोजित बैठक में मुख्य सचिव संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डी. एस. ढेसी, प्रधान सचिव वी. उमाशंकर. राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, गृह, शहरी और स्थानीय निकाय, ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
खट्टर ने हरियाणा के कुल लोगों के मनाली में फंसे होने की सूचना पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से भी बातचीत कर यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सभी लोग वहां सुरक्षित हैं तथा हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ मिल कर हालात पर नजर रखने के साथ ही इन्हें वहां से सुरक्षित निकालने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसी बीच, हरियाणा सरकार ने राज्य के लोगों के लिये भारी बारिश के कारण परामर्श जारी करते हुये इन्हें अगर जरूरत न हो तो घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है। माैसम विभाग ने बुधवार तक बारिश जारी रहने का अनुमान जताया है।
भारी बारिश के कारण हालात को देखते हुये तथा जरूरत के अनुसार स्कूल बंद करने के दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। किसी भी तरह के हालात से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा राहत बल और राज्य आपदा राहत बल तैनात किये गये हैं। राज्य में निचले इलाकों में जल भराव में फंसे लोगों को निकालने के प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बारिश के कारण प्रभावित लोगों के खाने-पीने के पुख्ता इंतजाम करने के भी निर्देश दिये हैं।
खट्टर ने निर्देश दिए कि दक्षिण हरियाणा के जिलों में पानी पहुंचाने वाली प्राकृतिक और कृत्रिम ड्रेन पूरी तरह से चालू रहें। इसके अलावा, दक्षिण हरियाणा के जिन इलाकों में लिफ्ट कर पानी पहुंचाया जाता है, वहां भी उत्तर हरियाणा से आने वाले पानी को इन इलाकों में पहुंचाया जाए। इस तरह उत्तर हरियाणा से बरसाती पानी दक्षिण हरियाणा तक पहुंचाने से न केवल इन इलाकों में वर्षभर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी बल्कि उत्तर हरियाणा में बाढ़ की स्थिति भी उत्पन्न नहीं होगी।
उन्होंने सिंचाई विभाग से कहा कि नदियों के तल में कुछ अवैध निजी भवन बने हुए हैं, उन्हें हटाया जाए, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। उन्होंने नगर एवं ग्राम आयोजना तथा शहरी स्थानीय निकाय विभाग को भी भविष्य में शहरीकरण के दौरान पानी की निकासी के नियोजन पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने निर्देश दिए कि ड्रेनों की सफाई, मरम्मत और रखरखाव के लिए भी एसओपी तैयार की जाए। बरसात के मौसम से तीन माह पहले सभी ड्रेनों की मॉनिटरिंग करें, ताकि कहीं कोई कमी हो, तो उसे ठीक किया जा सके।
राज्य के अम्बाला जिले में गत तीन दिनों में 493 एमएम बारिश हुई है। सामान्यत: घग्घर नदी का जल स्तर 16,500 क्यूसिक रहता है जो इस समय 21 हजार क्यूसिक चल रहा है। टांगरी नदी का जलस्तर भी 13 हजार क्यूसिक के बजाय 21 हजार क्यूसिक पर है। मारकंडा नदी का जलस्तर भी 50 हजार क्यूसिक के सामान्य स्तर पर बना हुआ है। बारिश का अगर यही स्तर बना रहता है तो पानी अम्बाला ड्रेन में बैक-फ्लो होगा, जिससे शहर में पानी भरने की आशंका है। इसके लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर रखी है। निचले इलाकों से लोगों को हटाने का काम शुरू कर दिया है और भोजन की व्यवस्था भी की गई है। गांवों में मुनादी कराई गई है कि लोग नदियों के पास न जाएं। सेना की टुकड़ी नरवाना ब्रांच पर तैनात की गई है।
बैठक में बिजली निगमों के अध्यक्ष पी. के. दास ने बताया कि अम्बाला सिटी और कैंट के कुछ इलाकों में बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिये सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। पंचकूला जिले में औसत से कहीं अधिक बारिश हुई है। घग्घर नदी के साथ लगते इलाकों को खाली कराया गया है। घग्घर नदी का पानी खतरे के निशान पर पहुंच चुका है। कुरुक्षेत्र में मारकंडा नदी में वर्ष 1978 में 256.4 मीटर पानी रिकॉर्ड किया गया था, जबकि इस समय 255 मीटर पर चल रहा है। अधिक बारिश होने की सम्भावना को देखते हुए निचले इलाकों को खाली कराया गया है। यमुनानगर में यमुना नदी के जल स्तर को देखते हुए इलाकों को खाली कराया जा रहा है। एसडीआरफ और एनडीआरफ टीमों के साथ सभी स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं।