गुजरात में हारकर भी इस कारण से बेहद खुश हैं केजरीवाल

मिली प्रचंड जीत की हर तरफ चर्चा हो रही है। लेकिन गुजरात में इलेक्शन हारने के बावजूद केजरीवाल बेहद खुश हैं।

Update: 2022-12-09 09:19 GMT

नई दिल्ली। सोशल मीडिया समेत इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया के भीतर इस बार चले नए ट्रेंड के मुताबिक बीजेपी की हिमाचल और कई उपचुनाव में हुई हार से ज्यादा जीत के चर्चे हो रहे हैं। आमतौर पर केंद्र के साथ कई राज्यों में सत्ता प्राप्त करने वाली पार्टी जब कहीं हार जाती है तो एक-दो स्थानों पर मिली जीत के स्थान पर सत्तारूढ़ पार्टी को एक आध सीट पर मिली हार को लेकर ज्यादा चर्चा रहती थी।

गुजरात में भारतीय जनता पार्टी को मिली प्रचंड जीत की हर तरफ चर्चा हो रही है। लेकिन गुजरात में इलेक्शन हारने के बावजूद केजरीवाल बेहद खुश हैं। उनकी जीत का कारण भी बेहद दिलचस्प है और केजरीवाल हार को सकारात्मक नजरिये से देख रहे है।

दरअसल आम आदमी पार्टी इस बार लंगोट बांधकर गुजरात विधानसभा चुनाव में इलेक्शन लड़ने के लिए उतरी थी। पार्टी के पास केवल केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह जैसे उंगली पर गिनने लायक नेता होने के बावजूद आम आदमी पार्टी ने राज्य की लगभग सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। आम आदमी पार्टी गुजरात में जोधपुर, विसावदर, गारियाधार, डेड़ियापाड़ा और बोटाद विधानसभा सीट पर जीत प्राप्त करने में सफल रही है। केजरीवाल की खुशी का सबसे बड़ा कारण यह है कि राज्य की 35 विधानसभा सीटें ऐसी रही है जहां आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे हैं। बस इसीलिए अरविंद केजरीवाल गुजरात में मिली हार के बावजूद खुश हैं, क्योंकि उन्हें पता चल गया है कि गुजरात में भी उनके वोटर है और इसीलिये उन्हें उम्मीद है कि आज दूसरे नंबर पर रहने वाले उसके उम्मीदवार निश्चित तौर पर अगले इलेक्शन में पहले नंबर पर आ सकते हैं

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