कर्नाटक HC का NCLT के फैसले तक कोई बदलाव नहीं करने का आदेश

एकल न्यायाधीश ने यह कहते हुए इस रोक को पलट दिया कि एनसीएलटी के फैसले में उचित तर्क का अभाव है।

Update: 2024-07-06 09:03 GMT

बेंगलुरु। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बायजू को वर्तमान स्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है। जबकि राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) इस बात पर पुनर्विचार कर रहा है कि क्या कंपनी को और शेयर जारी करने की अनुमति दी जानी चाहिए। यह निर्देश कई निवेशकों द्वारा बायजू पर अनुचित व्यवहार और कुप्रबंधन का आरोप लगाने के बाद आया है।

शुरुआत में एनसीएलटी ने निवेशकों की शिकायतों के बाद 12 जून को अतिरिक्त शेयर जारी करने की बायजू की योजना को अस्थायी रूप से रोक दिया था। हालाँकि 2 जुलाई को कर्नाटक उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश ने यह कहते हुए इस रोक को पलट दिया कि एनसीएलटी के फैसले में उचित तर्क का अभाव है। न्यायाधीश ने मामले को दो सप्ताह के भीतर नए सिरे से समीक्षा के लिए एनसीएलटी में वापस भेज दिया, लेकिन इस बीच बायजू को शेयर मुद्दे पर आगे बढ़ने से नहीं रोका।

इस फैसले से नाखुश निवेशकों ने अपील की। परिणामस्वरूप उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच ने आदेश दिया कि जब तक एनसीएलटी अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंच जाता, तब तक कोई बदलाव नहीं होना चाहिए। अदालत ने आगे कहा कि 2 जुलाई के आदेश के बाद जारी किए गए कोई भी शेयर एनसीएलटी के अंतिम निर्णय के अधीन होंगे, जो 31 जुलाई तक आने की उम्मीद है।

अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि वह किसी का पक्ष नहीं ले रही है और एनसीएलटी को स्वतंत्र रूप से मामले की समीक्षा करनी चाहिए। बायजू और निवेशक दोनों अभी यथास्थिति बनाए रखने पर सहमत हुए हैं, जिसका अर्थ है कि जब तक एनसीएलटी अपनी समीक्षा समाप्त नहीं कर लेता, तब तक शेयर मुद्दे के संबंध में कोई और कार्रवाई नहीं की जाएगी।

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