बोला हाईकोर्ट-भले ही किसी ने की हो 3 शादियां- पहली पत्नी पेंशन की हकदार
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के सेवानिवृत कर्मचारी थे। उन्होंने तीन शादियां की थी।
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि भले ही किसी व्यक्ति ने तीन शादियां की है, लेकिन फिर भी पहली पत्नी की पेंशन पाने की हकदार है। अदालत ने मुस्लिम कर्मचारी की पहली पत्नी को पेंशन देने को लेकर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति को दो महीने का समय दिया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से मुस्लिम समुदाय से जुड़े एक मामले में दिए अपने फैसले में कहा है कि भले ही मुस्लिम कर्मचारियों ने तीन शादियां की है, फिर भी पहली पत्नी की उसे मिलने वाली पेंशन पाने की हकदार है।
याचिकाकर्ता सुल्ताना बेगम ने याचिका दाखिल करते हुए हाईकोर्ट को बताया है कि उसके पति मोहम्मद इशाक अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के सेवानिवृत कर्मचारी थे। उन्होंने तीन शादियां की थी।
इस दौरान दूसरी पत्नी की मौत हो गई है। ईशाक की मौत के बाद मिलने वाली पारिवारिक पेंशन यूनिवर्सिटी द्वारा तीसरी पत्नी सादमा को दी जाने लगी थी। सुल्ताना ने पेंशन के लिए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति को चिट्ठी लिखकर पारिवारिक पेंशन खुद को देने की गुहार लगाई थी। सुनवाई नहीं होने पर उसने हाई कोर्ट की शरण लेते हुए अपनी याचिका दाखिल की थी, जिस पर जस्टिस प्रकाश पाड़िया ने अब यह आदेश दिया है।