बेबसी-इलाज के अभाव में घंटो तक मां की गोद में पड़ा रहा बेटा
स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर बनाने के दावे केंद्र और प्रदेश सरकारों की ओर से समय बे समय किए जाते रहे हैं।
नई दिल्ली। स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर बनाने के दावे केंद्र और प्रदेश सरकारों की ओर से समय बे समय किए जाते रहे हैं। उप नागरिक अस्पताल में एम्स की बिल्डिंग में बनी ओपीडी के बाहर घंटो तक एक युवक उपचार के इंतजार में जमीन पर लेटा रहा। बेबसी के साथ इलाज के लिए साथ में आई मां डाक्टरों और कर्मचारियों से इलाज की गुहार लगाती रही। दोपहर बाद जाकर युवक को अस्पताल में भर्ती किया गया।
दरअसल हरियाणा के बल्लभगढ़ में उप नागरिक अस्पताल में रोगियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए एम्स की ओपीडी का निर्माण किया गया था। अस्पताल में बिल्डिंग भी बनी है, लेकिन रोगियों को स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत अभी तक भी बदतर बनी हुई है। कुछ ऐसा ही नजारा उस समय देखने को मिला जब मूल रूप से बिहार की रहने वाली सुलेना देवी अपने 28 वर्षीय बेटे प्रदीप को तेज बुखार के चलते बेसुधी की हालत में लेकर सवेरे 8.00 बजे अस्पताल में लेकर पहुंची। उस समय ओपीडी पर रोगियों की भारी भीड़ लगी हुई थी। अस्पताल में पहुंची सुलेना घंटों तक कर्मचारियों से बेटे के इलाज की गुहार लगाती रही, लेकिन किसी ने भी उनकी मदद करने की जहमत नहीं उठाई। अपने बेटे को ओपीडी के बाहर पड़े स्लैब पर लेकर मां लाचारी के बीच बैठी रही। सुलेना देवी ने बताया है कि अस्पताल में डाक्टरों ने उसे कोई जवाब नहीं दिया है। दोपहर बाद जाकर चिकित्सकों को लाचार मां पर रहम आया और उसके बेटे को इलाज के लिए भर्ती किया गया। उधर एम्स ओपीडी बल्लभगढ़ के सह आचार्य हर्ष साल्वे ने कहा है कि फिलहाल मुझे मामले की जानकारी नहीं है। अभी मैं अवकाश पर चल रहा हूं। अगर युवक के उपचार में लापरवाही की गई है तो इस मामले को अवश्य देखा जाएगा।