ATM से छेड़छाड़ कर पैसा निकालने वाले गिरोह का पर्दाफाश -6 गिरफ्तार
एसटीएफ ने एटीएम मशीन से छेड़छाड़ कर पैसा निकालने वाले गिरोह का भण्ड़ाफोड़ कर छह अपराधियों को गिरफ्तार किया है।
लखनऊ । उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने एटीएम मशीन से छेड़छाड़ कर पैसा निकालने के बाद बैंकों से क्लेम कर वाले गिरोह का भण्ड़ाफोड़ कर छह अपराधियों को नोएडा से गिरफ्तार किया है।
एसटीएफ प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एटीएम से छेड़छाड़ कर धोखाधड़ी करके पैसा निकालने तथा मशीन के सर्वर में की गई सेटिग के कारण ट्रान्जेक्शन डिक्लाइन का मैसेज आने पर सम्बन्धित बैंक से क्लेम कर बैकों से पुनः पैसा प्राप्त करने वाले गिरोह के सम्बन्ध में सूचनाऐं प्राप्त हो रही थी।
उन्होंने बताया कि इस क्रम में एसटीएफ ने सूचना मिलने पर कल रात नोएडा से इस गिरोह के छह बदमाशों कानपुर निवासी प्रत्यूश उर्फ पीयूष, कानपुर देहात निवासी कृष्णकांत उर्फ मोनू ,अनूप कुमार उर्फ सचिन,रिंन्कू यादव आशीष सिंह और सीतापुर निवासी अमित को कल रात करीब दस बजे नोएडा के सेक्टर-18 मल्टीलेवल पार्किग के सामने यू-टर्न कट के पास से गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के खिलाफ थाना सेक्टर-20 पर 66डी आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज था। गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से विभिन्न बैंकों के डेबिट कार्ड, तीन मोबाइल फोन,एक कार और 18,675 रूपया नगद बरामद किया गया।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार प्रत्यूश उर्फ पीयूष ने पूछताछ पर बताया कि उसने कानपुर के रूस्तम डिग्री कालेज कानपुर से पढाई की और बैंक की एटीएम मशीनों से छेड़छाड़ कर रूपया निकालने की यू-टयूब पर कई विडियोज देखकर पैसा निकालने का काम सीखा था। गिरोह के सदस्य एटीएम से पैसा निकालने के बाद भी सम्बन्धित एटीएम मशीन के सर्वर गड़बड़ी कर दुबारा सम्बन्घित बैंक से पैसा वापस लेनेे का क्लेम करते थे और ज्यादातर पैसा वापस ले प्राप्त कर लेते है और मिले पैसो को आपस में बांट लेते हैं । इस काम के लिए यह लोग अपनी जान-पहचान वाले लोगों
तथा उनके जानने वाले लोगों के एटीएम कार्ड एकत्र कर लेते थे और प्रत्येक कार्ड धारक को 05 से 06 हजार रूपया अलग से दे देते थे।
पूछताछ में गिरोह के सदस्यों ने यह भी बताया कि अब तक मुम्बई, नोएडा, दिल्ली, लखनऊ, मध्य प्रदेश में घटनाऐं कर चुके हैं। अक्टूबर 2020 में इसी प्रकार की एक घटना में प्रत्यूश ,कृष्णकांत एवं अनूप मध्य प्रदेश में पकड़े गये थे और दो माह जेल में रहें थे। जेल से छूटने के बाद यह लोग फिर से इस अवैध धंधे में लिप्त हो गया। गिरफ्तार आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।
वार्ता