राहत में फिर आफत-आशा कार्यकत्रियों में मिला डेल्टा प्लस वेरिएंट
कोरोना वायरस की दूसरी लहर की कम होती रफ्तार के बीच घूम फिर कर आए डेल्टा प्लस वेरिएंट ने अब दहशत पसारनी शुरू कर दी है।
मेरठ। कोरोना वायरस लोगों का अभी पीछा छोड़ता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर की कम होती रफ्तार के बीच घूम फिर कर आए डेल्टा प्लस वेरिएंट ने अब दहशत पसारनी शुरू कर दी है। अनलॉक की तरफ बढ़ते प्रदेश में मेरठ की चार आशा कार्यकत्रियों में डेल्टा प्लस वैरीएंट मिलने से दहशत पसर गई है। डेल्टा प्लस वैरीअंट के एक साथ चार मामले मिलने से चिकित्सा विभाग भी सकते में आ गया है। जिन चार आशा कार्यकत्रियों में कोरोना का डेल्टा वैरीएंट मिला है वह जनपद के गांव बिजौली में तैनात हैं।
वातावरण में अपने पांव पसार चुका कोरोना वायरस अभी हमारे बीच से जाता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। बार-बार रूप बदलकर सामने आ रहे कोरोना वायरस की दूसरी लहर की लगातार कम होती रफ्तार के बीच अब इसके नए स्वरूप डेल्टा प्लस वैरीएंट ने लोगों में अपनी दहशत पसारनी शुरू कर दी है। जनपद मेरठ के गांव बिजौली में तैनात चार आशा कार्यकत्रियों में डेल्टा प्लस वैरीएंट मिलने से हड़कंप मच गया है।
चारों आशा कार्यकत्रियों के सैंपल लेकर जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए पुणे स्थित लैब में भेज दिए गए हैं। डेल्टा प्लस वैरीएंट के संबंध में चिकित्सकों का कहना है कि दूसरी लहर में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने कहर मचाया था। डेल्टा प्लस उसी डेल्टा वैरिएंट का ही बदला हुआ स्वरूप है जो कि डेल्टा से कई गुना घातक है। स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल कालेज की माइक्रोबायोलोजी लैब के जरिए दो सौ सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे हैं। इस बारे में सीएमओ डा0 अखिलेश मोहन का कहना है कि जिले में डेल्टा प्लस वैरिएंट कहीं भी संक्रमित हो सकता है। जिले के विभिन्न हिस्सों में मिले मरीजों का सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पुणे भेजा गया है।