संकट में सहारा बन रही है डायल 112- 7 हजार से अधिक को अपनों से मिलवाया

पुलिस की डायल-112 सेवा प्रदेशवासियों का सहारा बनते हुए जहां उन्हें संकट से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा रही है।;

Update: 2021-07-10 06:36 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस की डायल-112 सेवा कदम कदम पर प्रदेशवासियों का सहारा बनते हुए जहां उन्हें संकट से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा रही है।वही बिछड़ों को मिलाने का काम भी डायल 112 पूरी शिद्दत के साथ कर रही है। प्रदेश की डायल यूपी 112 सेवा ने 100 दिन के भीतर 7095 बिछड़ों को अपनों से मिलवाया है। छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सकुशल उनके घर पहुंचाए गए हैं। जिसके चलते लोगों में यूपी डायल 112 सेवा के प्रति भारी विश्वास उत्पन्न हो रहा है और वह संकट के समय में गुहार लगाते हैं यूपी डायल 112 सेवा को याद कर रहे हैं।

यदि डायल-112 द्वारा हासिल की गई अब तक की उपलब्धियों की बात करें तो 9 जुलाई 2021 को बदायूं के सहसवान थाना क्षेत्र के नसरुल्लागंज चौराहे पर तीन वर्षीय बच्ची के भटकने की सूचना एक सजग कॉलर ने यूपी-112 को दी। सूचना मिलते ही पीआरवी 1285 पर तैनात आरक्षी धर्मेन्द्र और दिपांशी सिंह ने मौके पर पहुँचकर बच्ची को अपनी संरक्षा में ले लिया। महिला आरक्षी ने बच्ची को गोद में लेकर पहले उसको पानी पिलवाया और फिर उसका नाम-पता जानने का प्रयास किया। अपने परिवार से बिछुड़ी बच्ची कुछ भी बता पाने की स्थिति में नही थी। पीआरवी कर्मियों ने आस-पास के लोगों से बच्ची के बारे में पता किया, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। इसके बाद पीआरवी पर तैनात कर्मियों ने बच्ची को अपने साथ लेकर वाहन में लगे पीए पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम से अनाउंस करते हुए आस-पास के मौहल्लों में बच्ची के परिजनों को खोजना शुरू किया। कुछ देर बाद एक मौहल्ले में बच्ची के परिजन पीआरवी कर्मियों को मिल गए जो काफी देर से परेशान थे। गुम हुए अपने कलेजे के टुकड़े को पा कर दंपत्ति काफी खुश हुआ।

यह घटना तो एक उदाहरण मात्र है। अप्रैल 2021 से अब तक यूपी-112 की पीआरवी ने पिछले 100 दिनों में 7095 गुमशुदा लोगों को उनके परिजनों से सकुशल मिलवाने का काम किया है। अपनों से बिछड़ने वालों में सर्वाधिक संख्या बच्चों की है। बच्चों के साथ-साथ कई स्थानों पर बुजुर्गों के भी रास्ता भटकने की स्थिति में पीआरवी कर्मियों ने उनको भी घर तक सकुशल पहुँचाने में सहायता की है। बदायूं पीआरवी ने जून 2021 में सर्वाधिक 2,455 भटके लोगों को मिलवाया है। अप्रैल महीने में यूपी-112 को 1966 सूचनाएं गुम होने या रास्ता भटकने की मिली। इन सभी सूचनाओं पर पीआरवी कर्मियों ने मौके पर पहुँचकर पीडितों की मदद की। मई महीने में लॉकडाउन के चलते आवाजाही कम थी, इसके बावजूद इस महीने में गुमशुदा होने की सूचनाएं अप्रैल से अधिक रही। मई माह में पूरे प्रदेश से 1,993 लोगों के गुम होने या रास्ता भटकने की सूचना यूपी-112 को मिली। जून महीने में मई की अपेक्षा अधिक सूचनाएं आयी। जून में कुल 2455 लोगों को पीआरवी ने परिजनों से मिलवाने में सफलता प्राप्त की. वहीँ जुलाई महीने के शुरूआती आठ दिनों में 681 सूचनाएं यूपी-112 को मिली। पीआरवी कर्मियों की कार्यशैली से प्रभावित होकर विभागीय अधिकारी डायल-112 को सम्मान देने के मामले में पीछे नही रहे है।

बदायूं, जौनपुर, चित्रकूट, झाँसी, चंदौली, मुरादाबाद, अम्बेडकरनगर सहित प्रदेश के कई जिलों में पीआरवी कर्मियों ने तत्परता व सूझबूझ का परिचय देते हुए बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को सकुशल उनके परिजनों से मिलवाया है। मानवता की मिशाल कायम करने वाले इन पुलिस कर्मियों को 112 मुख्यालय के पुलिस अधीक्षक प्रशासन की ओर से 'पीआरवी ऑफ द डे' देकर सम्मानित किया गया.

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