हाईकोर्ट में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर बैन की मांग- बताया सनातन...

आगामी 22 जनवरी 2024 को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का एक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होने जा रहा है।

Update: 2024-01-17 11:08 GMT

प्रयागराज। अयोध्या में आगामी 22 जनवरी को राम जन्म भूमि परिसर में बन रहे राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठाते हुए हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। जिसमें शंकराचार्य की तरफ से उठाई गई आपत्तियों का हवाला देते हुए प्राण प्रतिष्ठा को सनातन के खिलाफ होना बताया गया है।

बुधवार को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के रहने वाले भोला दास की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की गई याचिका में कहा गया है कि आगामी 22 जनवरी 2024 को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का एक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होने जा रहा है।

जहां निर्माणाधीन मंदिर में रामलला की मूर्ति को स्थापित किए जाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूजा अर्चना करेंगे।

भोला दास की ओर से दाखिल की गई याचिका में कहा गया है कि अयोध्या में हो रही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर देश के शंकराचार्य द्वारा आपत्ति उठाई गई है। जिसमें बताया गया है कि पूस महीने में कोई धार्मिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाते हैं। इसके अलावा मंदिर का निर्माण भी अभी तक पूरा नहीं हुआ है। एक अधूरे मंदिर में किसी भी देवता को विराजमान नहीं किया जा सकता है। भोला दास ने अपनी याचिका में प्राण प्रतिष्ठा को सनातन परंपरा के खिलाफ बताते हुए कार्यक्रम के आयोजन पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग उठाई है।

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