स्पर्म देने के बाद कोरोना मरीज की मौत-पत्नी ने कोर्ट से लगाई थी गुहार
निजी अस्पताल की ओर से एकत्रित किए गए स्पर्म देने के बाद कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो गई है।;
नई दिल्ली। हाईकोर्ट के आदेशों के बाद निजी अस्पताल की ओर से एकत्रित किए गए स्पर्म देने के बाद कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो गई है। शुक्रवार को मरीज की मौत की जानकारी उसकी पत्नी के वकील ने दी है। मृतक की पत्नी ने गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए अपने पति का स्पर्म एकत्रित किए जाने की गुहार लगाई थी।
कनाडा की रहने वाली एक महिला ने गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए कहा था कि मेरे पति जो कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर इस समय मृत्यु शैया पर लेटे हुए हैं, मैं उनके स्पर्म से मातृत्व सुख हासिल करना चाहती हूं। लेकिन कानून इसकी इजाजत नहीं देता है। हमारे प्यार की अंतिम निशानी के रूप में मुझे पति के अंश के रूप में उनका स्पर्म दिलवाने की कृपा करें। डॉक्टरों का कहना है कि मेरे पति के पास जीवन का बहुत ही कम समय बचा हुआ है। वह इस समय वेंटिलेटर पर हैं। महिला की ससुराल वडोदरा में है। मंगलवार को हाईकोर्ट के सामने जब यह मामला सुनवाई के लिए आया था तो अदालत कुछ पल के लिए हैरान रह गई थी। लेकिन महिला के मन के भीतर अपने पति के लिए प्रेम और कानून के प्रति उसके सम्मान को देखते हुए अदालत की ओर से तुरंत ही उसे पति के स्पर्म लेने की मंजूरी दे दी गई थी। वडोदरा के स्टर्लिंग हॉस्पिटल के जोनल डायरेक्टर अनिल कुमार नांबियार का कहना है कि हाईकोर्ट का आदेश मिलते ही हमारी टीम ने मेडिकल प्रोसेस पूरी कर ली थी। इसके बाद दूसरे दिन मरीज का स्पर्म लिया गया। अब हम आईवीएफ ट्रीटमेंट का प्रोसेस शुरू करने जा रहे हैं। मरीज के बारे में नांबियार का कहना है कि मरीज मरणासन्न स्थिति में था। उसके फेफड़ों में इंफेक्शन 95 फीसदी तक पहुंच गया था और बचने की सारी संभावनाएं शून्य हो चुकी थीं। हमारी टीम ने उनकी जान बचाने की हर संभव कोशिश की। स्पर्म लेते समय भी डॉक्टर्स की टीम ने ब्लीडिंग को कंट्रोल कर लिया था।