चोर की दाढ़ी में तिनका-वुहान लैब की जांच पर चीन की चोचलेबाजी-हुआ लाल
कोरोना वायरस ने वैश्विक महामारी के रूप में चीन से बाहर निकलकर दुनिया भर में भारी तबाही मचा रखी है
नई दिल्ली। कोरोना वायरस ने वैश्विक महामारी के रूप में चीन से बाहर निकलकर दुनिया भर में भारी तबाही मचा रखी है। कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर दुनियाभर के करोड़ों लोग संक्रमित हो गए हैं और लाखों लोगों की जान इस वायरस की चपेट में आकर जा चुकी है। लेकिन अभी तक दुनिया भर के लोग इस सवाल का जवाब नहीं ढूंढ पाए हैं कि आखिर कोरोनावायरस की उत्पत्ति हुई कैसे है? हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए चीन और उसकी वुहान लैब में दोबारा से जांच का प्रस्ताव रखा है। चीन ने जांच से भागने के लिए इस प्रस्ताव को साइंस का अपमान बताया है। चीन के एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा है कि वह कोविड-19 की उत्पत्ति की जांच के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की योजना की बात को सुनकर हैरान है।
बृहस्पतिवार को चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के उप मंत्री जेंग यिशीन ने कोरोना वायरस के वुहान लैब की प्रयोगशाला से फैलने की अटकलों को खारिज कर दिया है। जबकि डब्ल्यूएचओ के प्रमुख ने पिछले सप्ताह ही कहा था कि वैश्विक महामारी और चीनी प्रयोगशाला से कोरोना वायरस के रिसाव के बीच एक संभावित लिंक को खारिज कर देना फिलहाल जल्दबाजी होगी। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के उप मंत्री जेंग यिशिन ने इस सिद्धांत को एक अफवाह करार दिया है जो विज्ञान के खिलाफ है। उल्लेखनीय बात यह है कि डब्ल्यूएचओ के नेतृत्व वाली एक टीम ने इसी साल के मार्च में चीन की वुहान लैब का दौरा किया था। टीम के सदस्य कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए चार हफ्ते तक वहां जांच पड़ताल करते रहे, लेकिन इस दौरान चीनी शोधकर्ता उनके साथ साये की तरह साथ बने रहे। बाद में संयुक्त रिपोर्ट में टीम ने किसी अन्य जानवरों के जरिये चमगादड़ों से मानव में कोरोना वायरस के फैलने की आशंका जताई थी।
अमेरिका समेत कई देशों को इस रिपोर्ट पर यकीन नहीं हुआ है। इसके बाद एकजुट सभी देशों ने दोबारा जांच कराए जाने की मांग की। विशेषकर वुहान लैब की, जहां चमगादड़ों पर प्रयोग किया जाता है। राजनयिकों ने कहा कि डब्ल्यूएचओ के प्रस्ताव में सिर्फ चीन में दोबारा जांच की बात कही गई है और वह भी खासकर वुहान के आसपास की प्रयोगशालाओं की। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि चीन ने पर्याप्त डाटा उपलब्ध नहीं कराया है।