CAA का जिन बंगाल में

जगत प्रकाश नड्डा ने कहा, आपको सीएए मिलेगा और मिलना तय है। अभी नियम बन रहे हैं। कोरोना के कारण थोड़ी रूकावट आई है

Update: 2020-10-23 01:17 GMT

कोलकाता। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ही मिशन पश्चिम बंगाल भी शुरू कर दिया। देश में कोरोना की महामारी के खत्म होने का इंतजार राजनीति नहीं कर पाती है। राजनीतिक जानकारों के अनुसार मिशन कर्नाटक और मिशन मध्य प्रदेश तो कोरोना काल में ही चलते रहे। अब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (जेपी नड्डा) ने ऐलान कर दिया कि पश्चिम बंगाल में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) लागू किया जाएगा। जेपी नड्डा ने कोरोना से थमी रफ्तार कर जिक्र करते हुए मिशन बंगाल की शुरुआत की। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा कि सीएए लाने में अब वक्त नहीं लगेगा। कोरोना की शुरुआत से पहले ही भाजपा ने ममता बनर्जी के खिलाफ सीएए को हथियार बना रखा था। उसी हथियार को फिर से धार देने की कोशिश की गयी है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इस मामले में पीछे हटने वाली नहीं हैं। उन्होंने भी ऐलान कर रखा है कि कुछ भी हो, उनके रहते बंगाल में नागरिकता कानून लागू नहीं होगा। इतना ही नहीं नड्डा के बयान के बाद सीएए के विरोधी अन्य स्थानों पर भी सक्रिय हो गये हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मुनव्वर राणा की बेटी सुमैया राणा ने भी हुंकार भरी है कि सीएए और एनआरसी को किसी हालत में लागू नहीं होने देंगे।

भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने गत 19 अक्टूबर को कहा कि कोरोना महामारी के कारण नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लागू करने में देरी हुई और दावा किया कि जल्द ही यह कानून लागू किया जाएगा। भाजपा अध्यक्ष ने पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की सरकार पर 'फूट डालो और राज करो' की नीति पर चलने का आरोप लगाया और विश्वास जताया कि प्रदेश में अगली सरकार भाजपा की बनेगी। अपने एकदिवसीय दौरे पर यहां पहुंचे नड्डा ने 2021 में प्रस्तावित पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले संगठनात्मक तैयारियों का जायजा लिया और विभिन्न समुदाय के लोगों से चर्चा की और उन्हें संबोधित भी किया।

जगत प्रकाश नड्डा ने कहा, आपको सीएए मिलेगा और मिलना तय है। अभी नियम बन रहे हैं। कोरोना के कारण थोड़ी रूकावट आई है। जैसे-जैसे कोरोना हट रहा है, नियम तैयार हो रहे हैं। बहुत जल्द आपको उसकी सेवा मिलेगी। इसको हम पूरा करेंगे। पश्चिम बंगाल सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के राज में इतने समय तक हिन्दू समाज के प्रति आघात किया गया।

उन्होंने कहा, ''अब जब समझ में आ गया तो हर समाज को जोड़ने के लिए फुसलाने का प्रयास हो रहा है। ये वो लोग हैं जो केवल वोटबैंक की राजनीति करते हैं, सिर्फ सत्ता में रहने के लिए राजनीति करते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की मूल नीति है- सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास जबकि दूसरी पार्टियों की नीति है- फूट डालो, समाज को बांटो, अलग-अलग करके रखो, अलग-अलग मांग करो और राज करो।

जगत प्रकाश नड्डा कहते हैं ''वर्तमान सरकार, ममता जी के नेतृत्व में यही कर रही है। फूट डालो और राज करो। सबको समावेश करके चलने की ताकत सिर्फ मोदी जी में है। भाजपा समाज को जोड़ती है जबकि वे लोग समाज को तोड़कर वोटबैंक की राजनीति करते हैं। नड्डा ने किसान सम्मान निधि और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं को राज्य में लागू न करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि राज्य में भाजपा की सरकार बनते ही इन योजनाओं को लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा, ''दुःख की बात है कि ममता जी की सरकार ने किसान सम्मान निधि को बंगाल में लागू नहीं होने दिया। बंगाल के 76 लाख किसानों को इससे वंचित रखा गया है। इसी प्रकार राज्य के लोग आयुष्मान योजना के लाभ से वंचित हैं। पहले आप कमल पर हाथ दबाइए और फिर हम आयुष्मान भारत का बटन दबाएंगे। ये योजनाएं लागू होकर रहेंगी।

भाजपा अध्यक्ष ने दावा किया कि राज्य की जनता हिंसा और तृणमूल कांग्रेस सरकार की 'कट मनी' संस्कृति से तंग आ चुकी है और 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद यहां भाजपा की सरकार बनेगी। सिलीगुड़ी पहुंचने के बाद नड्डा ने आनंदमयी कालीबाड़ी मंदिर में पूजा करने से पहले यहां के नौका घाट पर समाज सुधारक ठाकुर पंचानन बर्मन की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और उपाध्यक्ष मुकुल रॉय जैसे पार्टी के वरिष्ठ नेता भी नड्डा के साथ मंदिर गए। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और नड्डा ने पिछले कुछ महीनों में बंगाल में कई रैलियों और पार्टी कार्यक्रमों को ऑनलाइन संबोधित किया है। मार्च में कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बढ़ने के बाद से भाजपा प्रमुख का राज्य का यह पहला दौरा है।

पश्चिम बंगाल से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को लागू करने की दहाड़ लगाई तो इसका विरोध कर रहा खेमा भी सक्रिय हो गया है। मशहूर शायर मुनव्वर राणा की बेटी सुमैया राणा ने कहा है कि सीएए और एनआरसी को किसी हाल में लागू नहीं होने देंगे। सुमैया ने कहा है कि कोरोना वायरस की महामारी के कारण ही आंदोलन स्थगित किया गया था। सीएए और एनआरसी के खिलाफ आंदोलन और तेज करेंगे। उन्होंने कहा है कि बीजेपी के कद्दावर नेताओं की ओर से जो बयान आ रहा है कि कोरोना खत्म हो गया है और सीएए और एनआरसी अब लागू होगा। मैं भी उनकी जानकारी के लिए बता दूं कि ऐसा कुछ भी नहीं होगा।

सुमैया ने कहा कि अगर उन्होंने सीएए और एनआरसी इसलिए नहीं लागू किया था, क्योंकि कोरोना था तो हमारा आंदोलन भी इसीलिए ही रूक गया था। हमने देश और जनता के हित के लिए आंदोलन वापस ले लिया था, जब तक महामारी का प्रकोप चल रहा है। उन्होंने कहा कि साफ तौर पर यह क्लियर करना चाहती हूं कि सीएए, एनआरसी इस मुल्क के लिए नहीं बना है। सुमैया ने कहा कि सीएए और एनआरसी को किसी भी हाल में लागू नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि हमने शासन और प्रशासन को लिखकर इसीलिए अपना आंदोलन वापस किया था कि जैसे ही महामारी का प्रकोप खत्म होगा, हम अधिक तेजी से आंदोलन करेंगे। मुनव्वर राणा की बेटी ने कहा जिस तरीके से इन लोगों ने कोरोना काल में जनता को परेशान किया। अब तो इस बात से साफ है कि और भी लोग इस आंदोलन से जुड़ेंगे। जो लोग पहले सोच रहे थे कि भारतीय जनता पार्टी हमारे उत्थान के लिए सोच रही थी, अब उनके चेहरे से नकाब और आंखों पर से पर्दा हट गया है। वह समझ गए हैं कि इस पार्टी के पास हिंदू-मुस्लिम, मंदिर-मस्जिद के अलावा कुछ भी नहीं है। इस प्रकार जो संकेत मिल रहे हैं, उससे यही कहा जा सकता हे कि सरकार सचेत रहे और देश में कहीं भी शाहीन बाग न बनने पाए। (अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

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