बस, ऑटो, ट्रक का चक्का जाम' सड़कें हुई खाली- यात्री बुरी तरह हलकान
डीजल से चलने चाले वाहनों की उम्र 10 साल निर्धारित किये जाने के विरोध में बस, ट्रक और ऑटो चालक सड़क पर उतर गए हैं।
हरिद्वार। सरकार की ओर से डीजल से चलने चाले वाहनों की उम्र 10 साल निर्धारित किये जाने के विरोध में बस, ट्रक और ऑटो चालक सड़क पर उतर गए हैं। अपने वाहनों को सडक से हटाकर बंद कर उन्हे सड़क किनारे या घरों पर खडे कर उतरे वाहन चालकों ने चक्का जाम कर दिया है। आने-जाने के साधन नहीं मिलने से परेशान हुए लोग पैदल ही अपनी मंजिल पर पहुंच रहे हैं।
मंगलवार को तीर्थ नगरी हरिद्वार और राजधानी देहरादून की सड़कों पर बुरी तरह से वाहनों का सन्नाटा पसरा हुआ है। उत्तराखंड सरकार की ओर से देहरादून के डोईवाला और उधम सिंह नगर के रुद्रपुर में निजी सहभागिता से ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर आरंभ किए जाने के बाद वाहनों की फिटनेस अनिवार्य करने के विरोध में विक्रम, ऑटो, बस, ट्रक और सिटी बस चालक विरोध में उतर पड़े हैं। आरटीए देहरादून की ओर से 10 साल से पुराने डीजल ऑटो विक्रम का संचालन बंद करने के फैसले ने वाहन चालको के विरोध को अब भारी हवा दे दी है। उत्तराखंड विक्रम ऑटो रिक्शा परिवहन महासंघ, सिटी बस सेवा महासंघ समेत गढ़वाल मंडल की तकरीबन 15 यूनियनों के साथ ही कुमायूं मंडल की यूनियन भी वाहन चालकों के चक्का जाम में शामिल हो गई है।
सार्वजनिक वाहनों के चक्का जाम से हालात ऐसे हो चले हैं कि सड़कों पर वाहनों का सन्नाटा पसरा हुआ है और इक्का-दुक्का वाहन ही सड़क पर दौड़ते दिखाई दे रहे हैं। तीर्थ नगरी हरिद्वार में देशभर के विभिन्न स्थानों से आए श्रद्धालु आवागमन का साधन नहीं मिलने की वजह से इधर से उधर हलकान होते घूम रहे हैं। उधर रोजाना आने जाने वाले लोगों को भी इस चक्का जाम का दंश झेलने को मजबूर होना पड़ा है। ऐसे लोग जिनके पास अपने दोपहिया अथवा चार पहिया वाहन हैं वह अपने काम को सुचारू ढंग से निपटा रहे हैं। अन्य लोग बुरी तरह से परेशान हैं। मजबूरी के चलते अनेक लोग पैदल भी अपने गंतव्य की ओर जाते दिख रहे हैं।