झाड़ियों के बीच से चली ताबड़तोड़ गोलियां- साथी को छुड़ाकर भागे माफिया

माफियाराज का एक बड़ा कारनामा सामने आया है। तिघरा के जंगल में अवैध उत्खनन रोकने गये वन विभाग के अमले पर झाड़ियों के बीच से धड़ाधड़ गोलियां चलाई गईं।

Update: 2021-02-26 09:32 GMT

ग्वालियर। मध्यप्रदेश में माफियाराज का एक बड़ा कारनामा सामने आया है। तिघरा के जंगल में अवैध उत्खनन रोकने गये वन विभाग के अमले पर झाड़ियों के बीच से धड़ाधड़ गोलियां चलाई गईं। अवैध रूप से पत्थर का उत्खनन करने वाले माफियाओं ने लगभग 20 मिनट तक गोलियां चलाईं। वन विभाग और एसएएफ के जवानों ने किसी तरह से छिपकर अपनी जान बचाई। इस दौरान माफिया जेसीबी के साथ ही बंधक बने अपने साथी को भी छुड़ा ले गये। माफियाओं द्वारा की गई इस दुस्साहसिक कार्यवाही से पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए उनकी तलाश शुरू कर दी गई है।

जानकारी के अनुसार तिघरा थाना क्षेत्र के लखनपुरा इलाके में रात्रि लगभग 1 बजे खनन माफियाओं द्वारा पत्थरों का अवैध रूप से खनन करने की सूचना मिली। मामले की सूचना पर रेंजर विकास मिश्रा के साथ ही तिघरा चौकी प्रभारी सुनील जेवियर, गेमरेंज सुपरवाईजर शंकर खलको, विभाग की टीम व एसएएफ के जवानों के साथ मौके पर पहुंच गई। मौके पर देखा तो पाया कि जेसीबी के द्वारा पत्थरों का उत्खनन किया जा रहा था। टीम ने उक्त मशीन को अपने कब्जे में ले लिया और जेसीबी चला रहे ऑपरेटर को हिरासत में ले लिया। जैसे ही ऑपरेटर को टीम ने हिरासत में लिया, तो तुरंत ही झाड़ियों के बीच से तड़ातड़ गोलियां चलनी शुरू हो गई। एक के एक बाद गोलियां टीम पर बरसाई जा रही थी। जवानों को अपने हथियार तक को लोड करने का मौका नहीं मिला।

उन्होंने किसी तरह से छिपकर अपनी जान बचाई। लगभग 20 मिनट तक फायरिंग होती रही। इस दौरान माफियाओं ने जहां जेसीबी मशीन को फिर से अपने कब्जे में ले लिया, वहीं हिरासत में लिये गये ऑपरेटर को भी छुड़ा लिया। टीम ने मामले की सूचना पुलिस विभाग को दी, तो हड़कंप मच गया। भारी संख्या में जब तक पुलिस बल मौके पर पहुंचा, तब तक माफिया वहां से फरार हो चुके थे। पुलिस को सूचना मिली थी कि माफियाओं ने एक जवान से कार्बाइन भी छीन ली थी। लेकिन जब पुलिस ने काम्बिंग अभियान चलाया, तो कार्बाइन रास्ते में पड़ी मिल गई।

गौरतलब है कि तिघरा के जंगल में लखनपुरा के पास 15 दिनों में दूसरी बार वन विभाग पर बड़ा हमला हुआ है। इस घटना से पता चलता है कि मध्यप्रदेश में माफियाराज हावी हो रहा है। यह तो शुक्र रहा कि 20 मिनट तक फायरिंग होती रही, लेकिन गोली किसी को भी नहीं लगी। अगर गोली किसी को लग जाती, तो बड़ी जनहानि हो सकती थी।

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