सीडीपीओ दफ्तर ने घूसखोरी- सुपरवाइजर की सेवाएं समाप्त
जिलाधिकारी की ओर से की गई इस बड़ी कार्यवाही से अब भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों में बुरी तरह से हड़कंप मचा हुआ है।
कुशीनगर। राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं से 100 रूपये प्रति तिरंगे झंडे की वसूली करने वाली सीडीपीओ दफ्तर की महिला सुपरवाइजर को रिश्वत लेने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया है। जिलाधिकारी की ओर से की गई इस बड़ी कार्यवाही से अब भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों में बुरी तरह से हड़कंप मचा हुआ है।
शुक्रवार को जिलाधिकारी रमेश रंजन ने पिछले दिनों हाटा में बाल विकास परियोजना कार्यालय की महिला सुपरवाइजर की रिश्वत लेने के वायरल वीडियो के संबंध में बड़ी कार्रवाई करते हुए सुपरवाइजर की सेवा समाप्ति की कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। सुकरौली ब्लाक के बाल विकास परियोजना दफ्तर के वायरल हो रहे इस वीडियो में दफ्तर में बैठी सुपरवाईजर आंगनबाड़ी कार्यकत्री से सौ-सौ रूपये घूस लेते हुए दिखाई दे रही है। पैसे लेने वाली सुपरवाइजर अलका सक्सेना बाकायदा एक डायरी भी मेंटेन करती हुई दिखाई दे रही है। महिला सुपरवाईजर तिरंगा देने के नाम पर कार्यकत्री एवं सहायिकाओं से रुपए वसूल रही थी। इस मामले का वीडियो वायरल होने के बाद जिलाधिकारी रमेश रंजन ने सुपरवाइजर के खिलाफ सेवा समाप्ति की कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि सुकरौली आंगनबाड़ी सुपरवाइजर अलका सक्सेना को कार्यालय में रिश्वत लेने के मामले में दोषी पाया गया है। उनके खिलाफ सेवा समाप्ति की कार्यवाही की जा रही है। उधर सुपरवाइजर अलका सक्सेना ने बताया है कि यह पैसा सीडीपीओ के कहने पर लिया गया था जो सभी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं से झंडे के लिए वसूल किए गए थे। इसमें मेरा कोई रोल नहीं है। मैं केवल अपने अधिकारी के आदेशों का पालन कर रही थी। उल्लेखनीय है कि सीडीपीओ अब्दुल कयूम पहले ही घूस लेने के मामले में बर्खास्त चल रहे हैं।