बांग्लादेश ने श्रीलंका के खिलाफ दर्ज की रोमांचक जीत
टी20 विश्वकप के इतिहास में श्रीलंका के खिलाफ बांग्लादेश की यह पहली जीत है।
डैलस। खेल के हर विभाग में श्रीलंका को बौना साबित करते हुये बांग्लादेश ने शनिवार को टी20 विश्वकप के रोमांचक मुकाबले में दाे विकेट से हरा दिया।
ग्रैंड प्रायरी स्टेडियम में श्रीलंका के पहले खेलते हुये नौ विकेट पर 124 रन बनाये जिसके जवाब में बांग्लादेश ने 125 रनों का निर्धारित लक्ष्य छह गेंदे शेष रहते आठ विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया। टी20 विश्वकप के इतिहास में श्रीलंका के खिलाफ बांग्लादेश की यह पहली जीत है।
ग्रुप डी के उतार चढ़ाव वाले अहम मुकाबले में श्रीलंका एक समय चार विकेट पर 100 रन बना कर एक मजबूत स्कोर की तरफ बढ़ रहा था मगर रिशाद हुसैन ((22 रन पर तीन विकेट) ने पारी के 15वें ओवर में लगातार दो गेंदों पर चरिथ असलंका (19) और कप्तान वानिंदु हसरंगा (0) का विकेट झटक कर श्रीलंका को तगड़ा झटका दिया वहीं उन्होने अपने अगले ओवर में धनंजय डिसिल्वा (21) को चलता कर दिया जिसके बाद श्रीलंका की पारी का पतन तेजी से शुरु हो गया और उसके पांच पुछल्ले खिलाड़ी अपनी टीम के स्कोर में महज 24 रन का ही इजाफा कर सके।
रिशाद हुसैन के अलावा मुस्तफ़िज़ुर रहमान (17 रन पर तीन विकेट) ने श्रीलंका को शुरुआती झटके देकर उन्हे रफ्तार पकड़ने का मौका नहीं दिया। तस्किन अहमद ने दो विकेट चटकाये। पथुम निसंका (47) ने हालांकि एक छोर पकड़ कर बांग्लादेश के गेंदबाजों का कड़ा इम्तिहान लिया। उन्होने 28 गेंदो की संक्षिप्त पारी में सात चौके और एक छक्का लगाया।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी बांग्लादेश एक समय तीन विकेट मात्र 28 रनों पर खोकर संघर्ष की स्थिति में आ गया था मगर तौहीद हृदोय (40) और लिटन दास (36) ने आक्रामक अंदाज अपना कर श्रीलंका के गेंदबाजों को जमकर धुना। तौहीद ने मात्र 20 गेंदो में 200 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी की और चार छक्के लगाये। वह हसरंगा की गेंद पर आउट हुये, दूसरे छोर पर दास भी हसरंगा के 108वां शिकार बने जिसके साथ ही हसरंगा ने टी20 करियर में अपने वरिष्ठ लसिथ मलिंगा के सबसे ज्यादा विकेट चटकाने के रिकार्ड को तोड़ दिया है।
पारी के 18वें ओवर में नुवान तुषारा में रिशाद हुसैन और तस्किन अहमद को लगातार दो गेंदो पर आउट कर मैच में रोमांच पैदा कर दिया था मगर जीत के लिये आखिरी दो ओवर में जरुरी 12 रनों को महमुदउल्लाह (16 नाबाद) ने 19वें ओवर में पाकर बांग्लादेश की जीत का मार्ग प्रशस्त कर दिया।