शादी में बजा बैंड व डीजे, हुई आतिशबाजी-काजी का निकाह पढ़ाने से इंकार
इस मामले में तकरीबन 2 घंटे गुजर गए जिसके चलते रात के समय निकाह की रस्में पूरी की गई।
कानपुर। हंसी खुशी के साथ बैंड बाजा और डीजे की धुनों के बीच आतिशबाजी के धूम-धड़ाके के साथ शादी करने पहुंचे दूल्हे को शहर काजी ने निकाह पढ़ाने से इंकार कर दिया। काफी देर तक माफी मांगने और मौजूद लोगों के फिर से ऐसा नहीं करने की कसम खाने के बाद ही शहर काजी निकाह पढ़ाने को तैयार हुए। इस मामले में तकरीबन 2 घंटे गुजर गए जिसके चलते रात के समय निकाह की रस्में पूरी की गई।
दरअसल राजधानी के तलाक महल इलाके के एक बड़े कारोबारी के बेटे की बारात धूम-धड़ाके के साथ जाजमऊ गई थी। बारात में बैंड बाजा भी बज रहा था और डीजे की धुनों पर युवा नाचते हुए लड़की पक्ष के घर की तरफ बढ़ रहे थे। इस दौरान शादी की खुशी में जमकर आतिशबाजी भी की जा रही थी। निकाह पढ़ाने के लिए लड़का पक्ष की ओर से शहर काजी मौलाना मुस्ताक अहमद मुशाहिदी को बुलाया गया था। जब शहर काजी निकाह पढ़ाने के लिए पहुंचे तो उन्होंने मौके पर धूम धड़ाका होता हुआ देखा, जिससे शहर काजी बुरी तरह से खफा हो गए और उन्होंने निकाह पढ़ाने से इंकार करते हुए किसी दूसरे काजी को बुलाने की बात कह डाली। इस पर दूल्हे ने कह दिया कि आजकल तो सभी ऐसा ही कर रहे हैं तो हमने कौन सा बड़ा गुनाह कर दिया है। इतना सुनते ही शहर काजी बुरी तरह से बिगड़ गए और कहा कि दौलत के गुरूर में इतना मत डूबो। शरीयत के हिसाब से चलो, मजमे के बीच उन्होंने लंबी तकरीर दी। शहर काजी की नाराजगी के बाद डीजे बंद हो गया और आतिशबाजी का धूम धड़ाका भी थम गया। लड़के और उसके पिता ने शहर काजी से माफी मांगी। इसके बाद ही निकाह हुआ और दावत की शुरुआत हुई।