सिर काटने पर इनाम का ऐलान पड़ा भारी- याकूब कुरैशी के खिलाफ दाखिल...

अब सत्ता परिवर्तन के बाद जब दोबारा से यह मामला उठा है तो केस डायरी शासन को भेज दी गई जो कहीं गायब हो गई।

Update: 2023-09-24 06:37 GMT

मेरठ। फैज़ ए आम इंटर कॉलेज में आयोजित की गई सभा में बड़बोलापन दिखाते हुए कार्टूनिस्ट का सिर कलम करके लाने वाले को 51 करोड़ रुपए के इनाम का ऐलान करने वाले पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी अब बुरी तरह से फंस गए हैं। डेनमार्क के कार्टूनिस्ट का सिर तो कोई कलम नहीं कर सका है। लेकिन अब पुलिस इस मामले में याकूब कुरैशी के खिलाफ दो दिन के भीतर चार्जशीट दाखिल करने जा रही है।

दरअसल बहुजन समाज पार्टी की मुख्यमंत्री मायावती सरकार में मंत्री रहे हाजी याकूब कुरैशी ने वर्ष 2006 की 17 फरवरी को मेरठ के फैज़ ए आम इंटर कॉलेज में आयोजित की गई सभा के दौरान डेनमार्क के कार्टूनिस्ट का सिर कलम करके लाने वाले को 51 करोड़ रुपए के इनाम की घोषणा की थी।

पूर्व मंत्री के इस बयान को लेकर उस समय काफी गहमागहमी हुई थी और राज्य में पार्टी की सत्ता होने की वजह से पुलिस ने भी अपने विवेक से इस मामले का कोई संज्ञान नही लिया था। परंतु पूर्वमंत्री के इस बयान का विरोध करते हुए श्रम कल्याण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष एवं भाजपा नेता सुनील भराला ने वर्ष 2007 के अगस्त महीने में महानगर के दिल्ली गेट थाने में हाजी याकूब कुरैशी के खिलाफ आईपीसी की धारा 108, 116, 120बी, 153 ए, 153 बी, 507 तथा 7 धर्म स्थल दुरुपयोग निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया था।

उस समय काफी समय तक प्रदेश में सपा और बसपा की सरकार रहने की वजह से इस मामले में चार्जशीट दाखिल नहीं हो पाई थी। अब सत्ता परिवर्तन के बाद जब दोबारा से यह मामला उठा है तो केस डायरी शासन को भेज दी गई जो कहीं गायब हो गई। इसके बाद नए सिरे से केस डायरी लिखे जाने की प्रक्रिया आरंभ हुई और उसे पूरी करने के लिए पुराने विवेचको को बुलाया गया। केस डायरी तैयार करने में तकरीबन 1 साल का समय लग गया। पिछले दिनों शासन को तैयार की गई नई केस डायरी भेज कर चार्जशीट दाखिल करने की अनुमति मांगी गई थी।

जानकारी मिल रही है कि हाल ही में शासन की ओर से चार्जशीट दाखिल करने की हरी झंडी दे दी गई है। जिसके चलते अफसरों का कहना है कि एक-दो दिन के भीतर पूर्व मंत्री के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी। पहले से ही कानून और मुकदमेबाजी के चक्कर में फंसे पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी की अब बुरी तरह से चकरघिन्नी बन गई है। डेनमार्क के कार्टूनिस्ट का तो सिर कलम नहीं हो सका और हाजी याकूब कुरैशी के भी 51 करोड रूपए बच गए, लेकिन अब मंत्री जी बैठे बिठायें बुरी तरह से फंस गए हैं।

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