अबूझामाड़ मुठभेड़- चार नाबालिग बच्चों के घायल होने का खुलासा
नक्सलियों की ओर से की गयी गोलीबारी में शीर्ष माओवादी लीडरों की सुरक्षा में चल रहे चार बच्चे भी घायल हुए।
जगदलपुर। छत्तीसगढ के नारायणपुर पुलिस ने बुधवार को खुलासा किया कि एक सप्ताह पहले हुई मुठभेड़ में नक्सलियों की ओर से की गयी गोलीबारी में शीर्ष माओवादी लीडरों की सुरक्षा में चल रहे चार बच्चे भी घायल हुए।
बताया जाता है कि अबूझमाड़ के जंगल में हुई मुठभेड़ में तीन राज्यों के टॉप मोस्ट वांटेड नक्सली लीडरों को बचाने के लिए नक्सलियों के द्वारा नई रणनीति बनाई गई थी। पुलिस ने इस मामले में सनसनीखेज खुलासा कर बताया है कि मुठभेड़ में शीर्ष लीडरों की सुरक्षा में चल रहे चार बच्चे घायल हुए हैं। इनमें एक बच्चे की हालत नाजुक होने पर उसे रायपुर रेफर किया गया है।
नारायणपुर पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने बताया कि अबूझमाड़ में हुए मुठभेड़ में गोली बारी के बीच नक्सलियों की गोली से चार नाबालिक ग्रामीण बच्चे भी घायल हुए हैं। जिसमें तीन बच्चों को दंतेवाड़ा जिले के भैरमगढ़ थाना क्षेत्र में स्थित प्राथमिक केन्द्र में उपचार कर उन्हें पुलिस की निगरानी में रखा गया हैं। वहीं एक अन्य नाबालिग बच्चे को गोली के कुछ अंश लगने पर उन्हें बेहतर इलाज के लिए रायपुर रेफर कर दिया गया हैं।
कुमार ने बताया कि वरिष्ठ नक्सल कैडर कार्तिक की जान बचाना के लिए माओवादियों ने नाबालिग और ग्रामीणों का उपयोग मानव ढाल के रूप में किया था। कलहाजा - डोंड़रबेड़ा मुठभेड़ में और भी कई माओवादियो के घायल होने तथा उनका इलाज आसपास के जंगल- क्षेत्र में माओवादियों द्वारा किए जाने की सूचना है, जिसकी घेराबंदी की जा रही हैं।
गौरतलब है कि करीब एक सप्ताह पहले माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ में पांच पुरूष एवं दो महिला सहित कुल सात सशस्त्र वर्दीधारी माओवादी का शव हथियार सहित बरामद हुआ था। इसमें 25 लाख रुपये का इनामी कार्तिक और उसकी टीम के अन्य सदस्य का शव बरामद हुआ था। उक्त मुठभेड़ में नक्सलियों के मिलिशिया तथा ग्राम रक्षा दल के द्वारा वरिष्ठ नक्सल कैडर कार्तिक का जान बचाने के लिए बच्चों का इस्तेमाल ढाल की तरह किया गया था लेकिन नक्सली इसमें सफल नहीं हो पाए।