किसानों के रेल रोको आंदोलन के मद्देनजर 14 ट्रेनें रद्द
संसद में कृषि कानूनों के पारित होने के बाद राजनीतिक दलों और किसान संगठनों के धरने-प्रदर्शन जारी।
जालंधर । संसद में कृषि कानूनों के पारित होने के बाद राजनीतिक दलों और किसान संगठनों के धरने-प्रदर्शन जारी हैं। राजनीतिक दल अपनी सुविधा के हिसाब से सदन में पारित हुए बिल का सड़क पर विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस का देशव्यापी प्रदर्शन जारी है, वहीं पंजाब में किसान मजदूर संघर्ष समिति ने किसान विधेयक के खिलाफ आज से 26 सितंबर तक 'रेल रोको' आंदोलन का एलान किया था, उसकी शुरुआत रेल की पटरियों पर बैठने के साथ हो चुकी है।
कृषि कानूनों का पंजाब में सबसे ज्यादा विरोध हो रहा है। गौरतलब है कि जिन-जिन प्रदेशों में कांग्रेस पार्टी की सरकार है वहां इस विधेयक का जोरदार विरोध हो रहा है। पंजाब कृषि प्रधान सूबा है, इसलिए किसान हितैषी पार्टी का दावा करते हुए कांग्रेस सबसे ज्यादा यहीं हमलावर है। गौरतलब है कि कृषि कानून को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल सहयोगी अकाली दल ने भी इसके विरोध में नाराजगी जताई थी और केंद्र में उनकी पार्टी की खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा दे दिया था।
किसान संगठनों और अन्य राजनैतिक दलों ने जहां 25 सितंबर को पंजाब बंद का आह्वान किया है वहीं अकाली दल ने अपने स्तर पर 25 सितंबर को चक्का जाम का एलान किया है। आम आदमी पार्टी ने आज जालंधर में चार स्थानों पर सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक धरना लगा कर रोष प्रदर्शन किया।
पंजाब के किसानों द्वारा आज से लगातार तीन दिन तक ट्रेन रोको आंदोलन का एलान हुआ था। इस वजह से पंजाब गृह विभाग ने सभी जिलों को एहतियात बरतने के निर्देश जारी किए हैं कि हालात संभालने के लिए जिला उपायुक्त जरूरत पड़ने पर धारा 144 भी लगा सकते हैं। जालंधर के पुलिस आयुक्त ने सभी पुलिस अधिकारियों को अतिरिक्त सर्तकता बरतने का आदेश दिया है।
किसान संगठनों की ओर से सुनाम, बरनाला, नाभा, संगरूर में रेल रोकने की चेतावनी दी गई थी, वहीं फिरोजपुर, अमृतसर में भी रेल रोकने का फैसला हुआ था। इसी आंदोलन की वजह से फिरोजपुर डिवीजन की लगभग 14 ट्रेन रद्द की गई हैं तो कुछ के रूट में बदलाव हुआ है।
कांग्रेस की ओर से बठिंडा के कन्हैया चौक पर हाथों में काले झंडे लिए हुए हरसिमरत कौर बादल और सुखबीर सिंह बादल का विरोध करने का कार्यक्रम है। यहां सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता मौजूद हैं क्योंकि हरसिमरत कौर बादल और सुखबीर सिंह बादल बठिंडा से होते हुए आज तलवंडी साबो गुरुद्वारा साहिब में नतमस्तक होने के लिए पहुंच रहे हैं।