लालच के चलते हो रहा ठगी का कारोबार

विस पावर कंपनी की शुरुआत जालंधर से ही हुई थी और पहला ऑफिस भी जालंधर में खुला था।

Update: 2020-07-16 13:05 GMT

लखनऊ। 16 जुलाई को अपने इंवेस्टरों के करोड़ों रुपए लेकर भागी विस पावर कंपनी के लिए काम करने वाले 100 के करीब लीडरों के बयान कलमबंद हो गए हैं। कंपनी में यह लीडर इन्वेस्टरों से सीधे संपर्क में होते हैं जबकि लीडर ही इंवैस्टरों को कंपनी के सारे प्लान समझा कर उन्हें कंपनी में इंवेस्ट करने के लिए तैयार करते हैं। एक लीडर के अंडर आने वाली टीम में 100 से लेकर 3000 लोग होते है जो कंपनी में अपना पैसा इंवेस्ट करते हैं। दावा किया जा रहा है कि विस पावर कंपनी द्वारा किया गया फ्रॉड 300 करोड़ से ज्यादा हो सकता है। विस पावर कंपनी की शुरुआत जालंधर से ही हुई थी और पहला ऑफिस भी जालंधर में खुला था। इसके अलावा होशियारपुर और हरियाणा स्टेट में इसकी ब्रांच हैं। कंपनी के लिए काम करने वाले लीडर रजत बहल ने बताया कि उनकी टीम में करीब 3000 लोग शामिल थे और मात्र उनकी टीम के ही 30 लाख से ज्यादा रुपए कंपनी में इंवैस्ट थे। बहल ने भी दावा किया कि इस फ्रॉड में कंपनी करीब 300 करोड़ रुपए लेकर भागी है।

15 जुलाई को खबर आई कि जालंधर के पॉश इलाके में सोने की किटी डालने का झांसा देने वाली कंपनी करोड़ों की ठगी कर अपना बोरिया बिस्तर समेटकर फरार हो गई। कंपनी अपने ग्राहकों को अमेरिका तक के टूर पर भेजती थी ताकि ग्राहकों का उन पर विश्वास बना रहे। कंपनी के कार्यालय पर 14 जुलाई को ताला लटकता मिला और ग्राहकों का जमावड़ा देर शाम तक बढ़ गया। बाद में पता चला कि कंपनी ने पंजाब में कई स्थानों पर कार्यालय खोल रखे थे, सब पर ताला लग गया है। कंपनी ग्राहकों से कहती थी कि अगर उनके पास कोई किटी डालता है तो वह 11 माह तक किस्त क्लाइंट से लेंगे और 12वीं किस्त वह जेब से डालेंगे। ग्राहक को उतनी कीमत का सोना मिलेगा। इसके बाद ग्राहकों की लंबी फेहरिस्त तैयार हो गई और कार्यालय में निवेश करने वालों का तांता लगने लगा। जानकारी के अनुसार, गुरमिंदर सिंह, गगनदीप व रणजीत सिंह ने विज पावर के नाम से कंपनी खोली थी। कुछ ही समय में लोगों पर इस कंपनी का इतना विश्वास बन गया था कि कई लोग 5-5 लाख रुपये की किस्त महीने में देने लगे थे। 11 माह बाद उनको 60 लाख का सोना या कैश मिल जाता था। एक स्कीम भी कंपनी चला रही थी। इसमें अगर कोई ग्राहक आगे तीन क्लाइंट लाकर देता है तो वह उसको विदेश टूर करवाएंगे। काफी लोगों को अमेरिका व कनाडा तक की सैर कंपनी की तरफ से करवाई गई। लॉकडाउन के बाद कंपनी में निवेश कम हो गया था। इससे पहले कि लोगों को असलियत पता चलती, कंपनी संचालकों ने अपना बोरिया बिस्तर समेटा और खिसक गए। पुलिस का अनुमान है कि कंपनी के संचालक 50 करोड़ से अधिक की राशि समेटकर ले गए हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

ठगी के मामले दिन प्रतिदिन बढते जा रहे है। 15 जुलाई को ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ के रायपुर शहर के पत्थलगांव का है। क्षेत्र में चिटफंड कंपनी के संचालक पहले ही लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी कर चुके हैं और इसकी कई शिकायतें थाने में दर्ज हैं। क्षेत्र में इन दिनों अर्नमनी नामक एक कंपनी ऑनलाइन ठगी का कारोबार कर रही है। कंपनी पांच लोगों का समूह बनाकर उनसे 3 हजार रुपए जमा करा रही है। ये रुपए समूह के एक व्यक्ति को व्यवसाय में नफा के तौर पर रोजाना रात को वापस देने का दावा किया जा रहा है। इस काम में जिले के अनेक लोग अपना पैसा गंवा चुके हैं। बताया जाता है कि यह कंपनी मोबाइल के माध्यम से लोगों को जोड़कर उनका समूह बनाती है। 7 महीने पहले हरियाणा में वाड़ी के बेरली कलां निवासी नेवी के रिटायर्ड जेसीओ को 5 करोड़ रुपये की लॉटरी निकलने का झांसा देकर बदमाशों ने 49 लाख रुपये ठग लिये। मार्च माह से चल रही इस ठगी के खेल में नवंबर तक ठगों ने अपने 4 खातों में यह राशि जमा करा ली। हर बार पैसे जमा कराकर भी लॉटरी की रकम नहीं मिली तो अब जाकर पीड़ित को ठगी का आभास हुआ और पुलिस को शिकायत दी। राजस्थान के धौलपुर में पीतांबरा कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड चिटफंड कंपनी लोगों का धन दोगुना करने का लालच देकर करीब 20 लाख रुपये ठग कर फरार हो गई। हालांकि आरोपी डायरेक्टर सत्येंद्र सिंह सिकरवार को छह साल के बाद 26 फरवरी 2020 को पुलिस ने पकड़ लिया था।

लक्की ड्रॉ के जरिए लाखों रुपये का झांसा देकर ठगने वाला गिरोह भी सक्रिय है। यह गिरोह रोजाना देश भर के लोगों को ठग रहे है पर वे पुलिस और प्रशासन की पहुंच से दूर हैं। काफी पहले नटवर लाल ने पूरे आत्मविश्वास के साथ यह कथन प्रस्तुत किया था कि जब तक संसार में लालच जिंदा है तब तक ठग कभी भूखा नहीं मर सकता। निश्चित रूप से आज चारों ओर उसी कथन की पुष्टि होती दिखाई दे रही है। लालच का फायदा उठा कर कई बार ठग किस्म के लोग दूसरों को ठग लेते हैं और लालच ही वह चीज है जिसकी वजह से हम अपनी जेबें खाली कर बैठते हैं। ठग लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए नए-नए तरीके अपनाते रहते हैं। कभी बैंकों के मैसेज के बहाने तो कभी इसी तरह लॉटरी के नाम पर लोगों के साथ लूट की जाती है। किसी को केबीसी के नाम पर भी चपत लगाई जा रही है, तो कहीं आयुष अधिकारी बन कर। साइबर एक्सपर्ट के अनुसार, साइबर अपराधी लोगों को लूटने के लिए इस तरह के लालच देने वाले मैसेजेज भेजते हैं और जब कोई लॉटरी के नाम पर फंस जाता है तो उससे रकम ऐंठ लेते हैं। ये मैसेज पूरी तरह फेक है और इससे केबीसी का किसी तरह कोई लिंक नहीं है, न ही ऐसे मैसेजेज में दिए गए लिंक पर क्लिक करें और ना ही अपने अकाउंट की डिटेल्स बताएं। लोगों को ऐसे मैसेजेज के लालच में नहीं आना चाहिए और इसकी शिकायत करनी चाहिए ताकि अपराधियों तक पहुंचा जा सके।

इसी तरह फर्जी व ठगी से परिपूर्ण कारोबार में लालच में फंसाने की शुरुआत टोल फ्री टेलीफोन नंबर का आकर्षण देकर भी की जाती है। आम जनता टोल फ्री नंबर के झांसे में आकर सम्बद्ध कंपनी से बात तो कर लेती है और यही टोल फ्री नंबर किसी भी ग्राहक को अपनी ओर आकर्षित करने में वही भूमिका अदा करता है जोकि मछली फंसाने हेतु कांटे में लगाए गए चारे की होती है। टोल फ्री नंबर देकर आज कल सेक्स संबंधी दवाएं बेचने का दावा किया जा रहा है। कोई गंजों के सिरों पर बाल उगा रहा है तो कोई मर्दाना ताकत बढ़ाने की दवाई बेच रहा है। कोई दवाइयों से मोटापा कम कर रहा है तो कोई शरीर की लंबाई बढ़ाने का लालच दे रहा है। कोई बालों का झड़ना रोक रहा है तो कोई काली चमड़ी को गोरी करने के उपाय बता रहा है। जादू टोना, ज्योतिष, बेऔलाद को औलाद, पत्थरी का शर्तिया इलाज जैसे तमाम फर्जी विज्ञापनों की तो मानों होड़ लगी हुई है। ज्योतिषियों तथा नग-पत्थर आदि के विक्रेताओं के नेटवर्क ने तो हद ही खत्म कर दी है। इनके विज्ञापन देखिए तो आपको लगेगा कि मात्र एक नग धारण करने से ही आपको आपकी मनचाही हर वह चींज मिल जाएगी जोकि आपको आपके अथक प्रयासों के बावजूद अब तक नहीं मिल सकी है। चाहे वह नौकरी हो या वर-वधू। स्वास्थ्य हो या अन्य किसी बड़ी समस्या से छुटकारा। यहां तक कि धन संपत्ति, रोजगार और तो और प्रेम-प्रसंग में सफलता का झंडा गाड़ने का दावा भी ज्योतिषियों के यह विज्ञापन करते हैं, ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि आज के जमाने में किसी पर भरोसा करना अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है। आज-कल जालसाज लालच और तकनीक का भरपूर फायदा उठा रहे हैं ऐसे में हमें सतर्क रहना होगा क्योंकि न जाने कब कौन कहां ठगी के जरिए आपके रुपए लेकर नौ-दो ग्यारह हो जाए।

(नाज़नींन -हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

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