मिर्जापुर। कॉविड-19 के दौरान गंदगी फैलाने के मामले में दोषी पाए गए अफजाल को अदालत की ओर से सुनाई गई सजा में उसके ऊपर₹25000 का अर्थ दंड लगाया गया है। अगर आरोपी जुर्माना नहीं भरता है तो उसे 15 दिन की जेल की सजा काटनी होगी।
शनिवार को कोरोना महामारी के दौरान गंदगी फैलाने के एक मामले में अदालत की ओर से सुनाये गए महत्वपूर्ण फैसले में शहर के घंटाघर इलाके के रहने वाले अफजाल पुत्र इकबाल को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने दोषी पाया है।वर्ष 2020 में दर्ज किया गया यह मामला उस समय दर्ज किया गया था जब कोरोना संक्रमण अपने पूरे चरम पर था और लोग बीमार होकर अस्पताल में ट्रीटमेंट करने को मजबूर थे।
आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188, 269, 270 तथा 271 के अंतर्गत शहर कोतवाली में मामला दर्ज किया गया था।अभियोजन पक्ष की ओर से एपीओ योगेश कुमार द्विवेदी, विवेचक रामवंत यादव और अदालत कर्मचारियों ने प्रभावित तरीके से मामले को जब पेश किया तो न्यायालय में सभी गवाहों की गवाही दर्ज की गई।
इस दौरान आरोपी के अपना जुर्म स्वीकार करने पर अदालत ने अफजाल के ऊपर 2500 रुपए का दंड लगाया है।अदालत का कहना है कि अगर आरोपी जुर्माना नहीं भरता है तो उसे 15 दिन की जेल की सजा काटनी होगी।