खट्टर के लिए यमुना नगर का संदेश
खाप पंचायतें एक हो गयी हैं और उन्होंने किसान आंदोलन दुबारा शुरू करने का अल्टीमेटम दे दिया है
चंडीगढ। हरियाणा भी विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहा है। इसलिए जिला संगठन की परीक्षा वार्डों में हो रही है। यमुना नगर में 18 वार्ड हैं। इनमें भाजपा की झाोली में सिर्फ 6 पार्षद आये हैं। इस प्रकार 12 वार्डों में भाजपा को नकार दिया गया है। हालांकि 6 वार्डों में जनता ने निर्दलीय उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है लेकिन कांग्रेस और बसपा के खेमे में जिस तरह जश्न मनाया गया, उससे लगा कि भाजपा का खेल इन्होनें ही बिगाड़ा है। बसपा के चार उम्मीदवारों को विजय मिली है। दरअसल यमुना नगर के वार्ड 6,7,8,9,10 शिक्षा मंत्री के क्षेत्र हैं। कांग्रेस ने 6, 7 और 8 में जीत हासिल की है। आम आदमी पार्टी और ओमप्रकाश चौटाला की आईएनएलडी ने भी एक-एक वार्ड में विजय हासिल की है। भिवानी जिला के 7 ब्लाकों में 22 पार्षदों के लिए मतदान हुआ था। इनके नतीजे निकले तो सरकार की समर्थक जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) को निराशा हाथ लगी है। जेजेपी के जिला प्रधान विजय गोठड़ा की पुत्रवधू चुनाव हार गयीं। सबसे ज्यादा चिंताजनक यह है कि राज्य में गांवों में विशेष प्रभाव रखने वाली खाप पंचायतें एक हो गयी हैं और उन्होंने किसान आंदोलन दुबारा शुरू करने का अल्टीमेटम दे दिया है। हरियाणा में लोकसभा के साथ ही 2024 में विधानसभा चुनाव होंगे।
हरियाणा के यमुनानगर में शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर के जिला यमुनानगर में बीएसपी और कांग्रेस ने मिलकर बीजेपी का गणित बिगाड़ दिया है। 18 वार्डों वाली जिला परिषद बॉडी में बीजेपी की झोली में मात्र 6 उम्मीदवार ही आए हैं, जबकि बहुजन समाज पार्टी के 4 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है। आम आदमी पार्टी और आईएनएलडी के एक-एक प्रत्याशी ही विजयी रहे हैं। इसके अलावा 6 वार्डों में जनता ने निर्दलीय उम्मीदवारों पर अपना भरोसा दिखाया है।
यमुनानगर जिला परिषद के 18 वार्डों के नतीजे आते ही कांग्रेस पार्टी और बीएसपी में जश्न का माहौल छा गया। कांग्रेस के जिला कोऑर्डिनेटर श्यामसुंदर बत्रा का दावा है कि जिला परिषद में कांग्रेस की भारी जीत हुई है। जिला परिषद के चेयरमैन का ताज भी कांग्रेस पार्टी के सिर पर ही सजेगा। श्याम सुंदर बत्रा ने बताया कि वार्ड नंबर 6-7-8-9-10 शिक्षा मंत्री की बेल्ट है, जिसमें वार्ड नंबर 6-7 और 8 में कांग्रेस ने जीत हासिल की है। वार्ड नंबर 6 से कांग्रेस समर्थन से जीत कर आए नरवेल सिंह और वार्ड-8 से जीते पूर्व मंत्री अकरम खान के भाई शमीम खान ने इस जीत के लिए कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया है। उन्होंने 2024 में भी इसी तरह की जीत की कामना करते हुए जनता के बीच रहकर और मेहनत करने की बात कही है। वार्ड नंबर 5 से जीते आम आदमी पार्टी के दिलीप सिंह का कहना है कि वह अधिक से अधिक अपने क्षेत्र का विकास करेंगे। वार्ड नंबर 7 से पहली बार चुनी गई जिला परिषद के पूर्व प्रधान कांग्रेसी नेता श्याम सुंदर बत्रा की पुत्रवधु भानू बत्रा ने अपनी जीत के लिए सभी का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि वह वायदा करती हैं कि आने वाले समय में कोई भी काम होगा, वह उसे पूरी लगन और मेहनत से करेंगी और अपने ससुर श्यामसुंदर बत्रा के नक्शे कदम पर चलते हुए जनहित में कार्य करेंगी।
यमुनानगर जिला सचिवालय में सभी विजय पार्षदों को जिला प्रशासन की तरफ से विजई होने के सर्टिफिकेट दिए गए। यमुनानगर के उपायुक्त राहुल हुड्डा ने सभी विजई पार्षदों को जीत की बधाई देते हुए उम्मीद जाहिर की कि वह अपने इलाके की विकास के लिए कार्य करेंगे। इसके अलावा सरकार की योजनाओं को अपने इलाके में बता कर लोगों को उसका फायदा दिलाएंगे।
इससे पूर्व जिला पार्षदों के चुनावों में भिवानी 22 में से ज्यादातर पार्षद बीजेपी समर्थक चुने गए, लेकिन चेयरपर्सन के सशक्त दावेदार धराशाही हो गए। यहाँ जेजेपी के जिला प्रधान विजय गोठड़ा की पत्नी और भाजपा समर्थक पाले गुर्जर की पुत्रवधू पार्षद चुनाव हार गई। भिवानी जिला के 7 ब्लॉकों में 22 पार्षदों के लिए 30 अक्टूबर को पहले चरण में मतदान हुआ था।
खास बात ये रही कि इन चुनावों में जनता ने दिग्गजों को धराशायी कर छोटे कार्यकर्ताओं व साधारण लोगों के सिर पर ताज पहनाया है। जिला में चेयरपर्सन के दो सशक्त उम्मीदवार माने जाने रहे थे, जो दोनों हार गए। इनमें जेजेपी के जिला प्रधान विजय गोठड़ा की पुत्रवधू व भाजपा समर्थक पाले गुर्जर की पुत्रवधू शामिल हैं। विजेता पार्षदों के समर्थकों ने नाच गा कर खघ्ुशी मनाई। शहर में विजय जुलूस निकाला गया। डीजे पर थाप पर समर्थकों ने रंग गुलाल उड़ा कर जीत का इजहार किया। विजेता पार्षदों को खुली गाड़ियों में बैठा कर घुमाया गया। वार्ड नंबर 6 से विजेता पार्षद अभिषेक व वार्ड नंबर चार से विजेता पार्षद रूपेन्द्र ने बताया कि वो अपने सभी गाँवों का समान विकास करेंगे। गाँव के विकास के लिए वो हमेशा तत्पर रहेंगे। वो ये नहीं देखेंगे कि किसने वोट दिये या किसने नहीं। वहीं, अभिषेक ने बताया कि वो भाजपा के समर्थन से जीते हैं, जिसमें सबसे बड़ा योगदान कृषि मंत्री जेपी दलाल का है।
इस प्रकार पंचायत चुनावों में जहां कांग्रेस और बसपा सेंध लगा रही है, वहीं, हरियाणा की खाप पंचायतें एक बार फिर से किसान आंदोलन शुरू करने के मूढ में हैं। सरकार की घोषणा के बाद भी एमएसपी लागू नहीं करने, बिजली विधेयक बिल में संशोधन सहित किसानों को पांच हजार प्रति माह पेंशन देने की मांग को लेकर आधा दर्जन पंचायत खापों ने कर्मचारी व किसान संगठनों के साथ रणनीति बनाई और एडीसी को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। साथ ही अल्टीमेटम दिया कि खाप पंचायतें, किसानों और कर्मचारियों के साथ मिलकर फिर से बड़ा आंदोलन करेंगी और यह आंदोलन इस बार आर-पार का होगा। खाप प्रतिनिधि दादरी के लघु सचिवालय परिसर में पहुंचे और किसानों से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा करते हुए रणनीति बनाई। इस दौरान फौगाट, सांगवान, श्योराण, हवेली, सतगामा, पंवार सहित कई खापों के प्रतिनिधियों के अलावा कर्मचारी व किसान संगठनों के पदाधिकारी एकजुट हुए। सर्वसम्मति से निणर्य लिया कि मांगें पूरी करवाने बारे पहले राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपेंगे। साथ ही कहा कि सरकार द्वारा एमएसपी की मांग को पूरा नहीं करने पर पहले की अपेक्षा बड़ा किसान आंदोलन शुरू किया जाएगा। इस बार किसानों के साथ खापें मिलकर आर-पार की लड़ाई लडेंगे। खापों ने एडीसी अनुराग ढालिया को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। फौगाट खाप प्रधान बलवंत नंबरदार व सांगवान खाप सचिव नरसिंह डीपी ने संयुक्त रूप से कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों की एमएसपी की मांग को मान लिया था लेकिन एक वर्ष बाद भी उसे धरातल पर लागू नहीं किया। बिजली विधेयक बिल को निरस्त करने सहित किसानों को पांच हजार रुपए की पेंशन की मांग को लेकर इस बार बड़ा किसान आंदोलन शुरू करते हुए आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। चुनाव से पहले भाजपा को इस मुद्दे से भी जूझना पड़ेगा। (हिफी)