हिस्ट्रीशीटर को भाजयुमो प्रदेश मंत्री बनाए जाने पर मचा बवाल

अरविंद राज त्रिपाठी को भाजयुमो मंत्री बनाए जाने के बाद कानपुर पुलिस भी उनकी हिस्ट्रीशीट को लेकर कुछ भी बोलने से बच रही है

Update: 2021-08-03 10:41 GMT

कानपुर। भारतीय जनता युवा मोर्चा की ओर से घोषित की गई प्रदेश कार्यकारिणी में अरविंद राज त्रिपाठी उर्फ छोटू त्रिपाठी को प्रदेश मंत्री बनाए जाने पर सवाल खड़े करते हुए नाराज लोगों ने बवाल मचा दिया है। उधर अरविंद राज त्रिपाठी को भाजयुमो मंत्री बनाए जाने के बाद कानपुर पुलिस भी उनकी हिस्ट्रीशीट को लेकर कुछ भी बोलने से बच रही है।


दरअसल भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष की ओर से सोमवार को घोषित की गई प्रदेश कार्यकारिणी में कानपुर के अरविंद राज त्रिपाठी उर्फ छोटू त्रिपाठी को प्रदेश मंत्री बनाया गया है। बताया जा रहा है कि इसके बाद से उनके हिस्ट्रीशीटर होने के दावे किए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि भाजयुमो के प्रदेश मंत्री बनाए गए अरविंद राज त्रिपाठी उर्फ छोटू त्रिपाठी के खिलाफ कानपुर के एक थाने में 16 मामले दर्ज हैं। हालांकि छोटू त्रिपाठी का कहना है कि मेरे ऊपर दर्ज मुकदमें विरोधी पार्टियों की ओर से दर्ज कराए गए थे। खुद के हिस्ट्रीशीटर होने पर अरविंद राज त्रिपाठी उर्फ छोटू त्रिपाठी का कहना है कि बसपा की मायावती सरकार में स्थानीय बीएसपी प्रत्याशी के हारने की वजह से बसपा द्वारा मेरी हिस्ट्रीशीट खुलवाई गई थी। जबकि मैं इस समय 15 मामलों में बरी हो चुका हूं। मेरे खिलाफ लगभग सभी मामले सपा और बसपा सरकार की तानाशाही के चलते दर्ज हुए थे। छोटू त्रिपाठी की तमाम सफाई के बाद भी बीजेपी के अंदर उन्हे भाजयुमो प्रदेश मंत्री बनाना चर्चा का विषय बना हुआ है। भाजपा के कुछ नेता दबी जुबान के साथ पार्टी का बचाव करते हुए कह रहे हैं कि हो सकता है कि पार्टी को उनके ऊपर दर्ज मुकदमों के बारे में जानकारी ना हो। बताया जा रहा है कि अरविंद राज त्रिपाठी की हिस्ट्रीशीट थाना काकादेव में खुली हुई है। उनके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास और रंगदारी समेत तमाम गंभीर धाराओं में 16 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। हालांकि छोटू त्रिपाठी का दावा है कि वह 15 मामलों में बरी हो चुके हैं। वर्ष 2005 में चकेरी थाना क्षेत्र में छात्र नेता सनी गिल की हत्या के मामले में अरविंद राज त्रिपाठी को आरोपी बनाया गया था।

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